परियोजना निर्माण को न हो एकतरफा निर्णय
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : हरिकृपा आश्रम राजस्थान के पीठाधीश्वर स्वामी हरिचैतन्य ने कहा कि विकास के नाम पर परियोजनाओं के निर्माण पर एकतरफा निर्णय से नहीं होना चाहिए। इस पर चर्चा करने के साथ ही स्थानीय लोगों और पर्यावरण पर पड़ने वाले दूरगामी प्रभावों पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।
उत्तरकाशी में पत्रकारों से बातचीत करते हुये स्वामी हरिचैतन्य ने कहा कि अनियोजित तरीके से बनाए जाने वाले बांधों और विकास कार्यो से गंगा समेत अनेक नदियों का अस्तित्व संकट में है। विकास की ऐसी अवधारणा प्रकृति के नियमों के खिलाफ है जिसके कारण आपदा जैसी स्थितियां पैदा होती हैं। उत्तरकाशी में स्थगित की जा चुकी लोहारीनाग व पाला मनेरी परियोजनाओं का निर्माण दोबारा शुरू करवाने की सरकार की कोशिशों पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय एकतरफा नहीं होना चाहिये। इसमें लोगों को शामिल करने के साथ ही पर्यावरणीय पहलुओं का भी पूरा ध्यान रखना होगा। उन्होंने चारधाम यात्रा के स्वरूप को लेकर भी जागरुक होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यात्रा रूटों पर ज्यादा बड़े निर्माण कार्य नहीं किये जाने चाहिये। वहीं स्थानीय स्तर पर लोगों को ऐसे विकास कार्यो से जोड़ा जाना चाहिए जो पर्यावरण के लिये हानिकारक न हों। उन्होंने वर्षाकाल होने के बावजूद यात्रा मार्गो की स्थिति को बेहतर बताया। कहा कि शासन व स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी के चलते लोग गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंच रहे हैं। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष घनानंद नौटियाल भी मौजूद रहे।