बंद हाईवे से बढ़ा सेब पर संकट
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उपला टकनौर क्षेत्र के सेब काश्तकार एक बार फिर बेचैन हैं। बीते साल आपदा के बाद सड़कें बंद होने के कारण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सेब की फसल बरबाद हो गई थी। बाद में सरकार की पहल पर जीएमवीएन ने सस्ते दामों पर सेब की खरीद की।
बीते पंद्रह दिनों में गंगनानी में गंगोत्री हाईवे बंद होने के बाद उपला टकनौर क्षेत्र की प्रमुख नकदी फसल सेब पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। क्षेत्र में करीब पंद्रह हजार मीट्रिक टन सेब का सालाना उत्पादन होता है। क्षेत्र के सुक्की, झाला, हर्षिल, जसपुर, पुराली, बगोरी, छोलमी, धराली व मुखबा गांव के लोगों की आजीविका का बड़ा साधन भी सेब की खेती ही है, लेकिन बीते सालों से बरसात के दौरान ध्वस्त होती सड़कें इस उपज के लिए संकट साबित हो रही हैं। सड़कें बंद होने के कारण समय से मंडियों तक सेब की आपूर्ति नहीं हो पाती। जिससे बड़ी तादाद में फसल खेतों में ही सड़ जाती है। बीते साल जून माह में आई आपदा के बाद तो क्षेत्र में करीब तीन हजार मीट्रिक टन सेब बरबाद हो गया था। इन दिनों उपला टकनौर क्षेत्र के बगीचों में सेब की अर्ली वैरायटी तैयार है, लेकिन सड़क बंद होने के कारण इसकी आपूर्ति उत्तरकाशी तक भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में काश्तकार पेड़ों से फल निकालने का साहस भी नहीं कर रहे हैं, जबकि इस बार भी क्षेत्र में सेब की बेहतर पैदावार हुई है। समय पर आपूर्ति न होने की स्थिति में एक बार फिर किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
---------------
'इस बार उपला टकनौर क्षेत्र में सेब की पैदावार ठीक हुई है। उम्मीद है कि सड़क जल्द ठीक हो जाएगी, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।'
जगदीश कैग, जिला उद्यान अधिकारी।