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गंगोत्री घाटी में आफ सीजन सा माहौल

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 09:45 PM (IST)
गंगोत्री घाटी में आफ सीजन सा माहौल

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री हाईवे की दुर्दशा से अपर गंगा घाटी सुनसान हो गई है। गंगोत्री धाम समेत अन्य पर्यटक स्थलों की ओर पर्यटकों की आमद लगभग बंद हो गई है। इसके चलते यह समय पूरी घाटी में आफ सीजन जैसा माहौल बना हुआ है।

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इस बार अभी तक बीते साल जैसी बरसात नहीं हुई है, लेकिन बीते साल ध्वस्त हुए गंगोत्री हाईवे के जख्म लगातार हरे हो रहे हैं। इसके चलते गंगोत्री धाम तक यात्रियों की आमद बहुत घट गई है। तीन दिनों से गंगोत्री हाईवे गंगनानी में बंद है, जबकि रात को रोजाना बारिश से नैताला, लालढांग, हेलगू, बड़ेथी व नालुपाणी में सड़क अवरुद्ध हो रही है। इन जगहों पर बीआरओ की मशीनें मुस्तैद होने के कारण दोपहर तक सड़क खुल रही, लेकिन गंगनानी में भूस्खलन का दायरा बड़ा और जटिल होने के कारण बीआरओ को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सड़क की इस स्थिति का असर गंगोत्री धाम की यात्रा पर भी पड़ रहा है। बीते तीन दिनों में यात्रियों की संख्या सौ का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। चारधाम यात्रा पर निकले जो यात्री गंगोत्री रूट पर पहुंच रहे हैं। वे भूस्खलन जोन को पैदल ही पार कर अगले छोर से वाहन पकड़ रहे हैं। इस स्थिति के कारण गंगोत्री धाम में भी सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि गंगनानी, सुक्की टाप, हर्षिल व धराली जैसे पर्यटक स्थल भी सूने हो गए हैं। वहीं, गंगोत्री हाईवे से लगे दयारा व डोडीताल जैसे पर्यटक स्थलों की ओर भी पर्यटकों का रुख नहीं हो रहा है। इन सभी पर्यटन स्थलों व यात्रा पड़ावों पर व्यापारियों ने भी कारोबार समेटने शुरू कर दिए हैं।

यमुनोत्री हाईवे बेहतर

इस बार यमुनोत्री हाईवे बीते साल के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। हालांकि रानाचट्टी के समीप बाडिया व जंगलचट्टी में हाईवे लगातार बाधित हो रहा है। लेकिन, सुबह तक लोनिवि राजमार्ग खंड की मशीनें आवाजाही लायक सड़क तैयार कर रही हैं। हालांकि यमुनोत्री धाम में भी यात्रियों की आमद बहुत अधिक नही है। लेकिन, भूस्खलन जोन में हाईवे की स्थिति ठीक होने के कारण यात्री व पर्यटकों को पैदल चलने का जोखिम नहीं उठाना पड़ रहा है।

गंगोत्री हाईवे पर कुछ जोन संवेदनशील हैं। गंगनानी में सीधी पहाड़ी पर भूस्खलन से सड़क तैयार करने में अधिक समय लग रहा है, लेकिन इसे सुरक्षित बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

चंद्रशेखर, कंमाडर, बीआरओ


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