उफनाई नदी ने बढ़ाई मुसीबतें
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: बीते कई दिनों से जारी बारिश से उफनाई भागीरथी नदी ने तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है। नगर क्षेत्र की ओर किए गए अस्थाई बाढ़ सुरक्षा कार्यो के नदी में बह जाने के बाद फिर से तटवर्ती इलाकों में बसे घरों पर खतरा मंडराने लगा है। एहतियात के तौर पर तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों ने फिलहाल रिश्तेदारों के घरों में शरण ली हुई है।
बीते दिनों से भारी बारिश के चलते नदी का जलस्तर उफान पर है ऐसे में नगर क्षेत्र की ओर से हुए अस्थाई बाढ़ सुरक्षा कार्य भी इसमें बहने लगे है। नगर की ओर से लगाए गए वायरक्रेट्स नदी के तेज बहाव में बह रहे है, जिन्हें दुरूस्त करने में प्रशासन जुटा है। लेकिन इसके बावजूद भी तटवर्ती इलाकों में खतरा बना हुआ है। उफनाई भागीरथी के खौफ से तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली हुई है। वहीं वाल्मीकि बस्ती के 32 परिवार भी सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज भवन में शरण लिए हुए हैं।
हालांकि रविवार को बहाव में आंशिक कमी आने से प्रशासन ने भी चैन की सांस ली है। लेकिन ऊपरी इलाकों में भारी बारिश होने की फिर से नदी उफान पर आ सकती है। फिलहाल भागीरथी नदी का स्तर रविवार को सुबह 1120.25 मीटर की अपेक्षा दोपहर तक घटकर 1120.02 मीटर तक आ गया था। शनिवार तक जलस्तर 1120.80 मीटर था। नदी के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद भी तटवर्ती इलाकों में खतरा अभी भी मंडरा रहा है। नदी के बहाव से सबसे ज्यादा असुरक्षित इलाकों में जड़भरत मोहल्ला और मणिकर्णिका घाट से जुड़े भवन हैं। जोशियाड़ा में बाढ़ सुरक्षा कार्यो के लिए बीते साल निर्माण में लगी कंपनियों ने नदी का रूख नगर की ओर मोड़ दिया था।
नदी ने भवन का निचला हिस्सा काट दिया है, वायरक्रेट भी बह रहे है। प्रशासन ने समय से सुरक्षा कार्य किए नहीं, अब हाथ पांव मार रहा है।
जितेंद्र कुमार डंग, खतरे की जद में आए भवन स्वामी
खतरे के जद में आए भवनों को सुरक्षित करने का काम शुरू से ही चल रहा था। नदी का बहाव काफी बढ़ गया है इसलिए मुश्किलें आ रही है। निर्माणदायी एजेंसी को सुरक्षा काम करने के निर्देश दिए हैं।
बीके मिश्रा, एडीएम उत्तरकाशी।