सुस्ती में बीआरओ भी कम नहीं
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: बीते साल आपदा से ध्वस्त गंगोत्री राजमार्ग की मरम्मत को लेकर बीआरओ की लापरवाही की पोल अब खुलने लगी है। बीते सप्ताह से भर से मामूली बारिश से भी राजमार्ग कई घंटों के लिए बंद हो रहा है।
गंगोत्री राजमार्ग की हालत आपदा के एक साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी नहीं सुधारी जा सकी। इस बार मानसून के दौरान हो रही भारी बारिश से राजमार्ग फिर राहगीरों की जान के लिए खतरा बनने लगा है। उत्तरकाशी से गंगोत्री तक पूरे पांच महीने बाद बीआरओ राजमार्ग को आवाजाही के लिए खोला था, लेकिन आवाजाही के लिए खोले गए राजमार्ग में आपदा के बाद पैदा खतरे और खतरनाक हिस्सों को दुरूस्त करने के लिए पूरे साल भर कोई खास काम नहीं हो सके। उत्तरकाशी से भटवाड़ी के बीच ही तीस किमी के हिस्से में राजमार्ग की हालत सुधारने को लेकर बीआरओ पूरी तरह से चुप बैठा रहा।
राजमार्ग पर डेंजर जोन
- विशनपुर के पास दो सौ मीटर का हिस्सा
- नेताला हिना के बीच तीन सौ मीटर का हिस्सा
- मनेरी झील से सटा पांच सौ मीटर लंबा हिस्सा
- गरमपानी से गंगोरी तक दो किमी का हिस्सा
- चुंगी बढ़ेथी में एक किमी का हिस्सा
- बढ़ेथी स्थित पोखू देवता मंदिर के समीप सौ मीटर हिस्सा
- बंदरकोट बाजार स्थित एक किमी हिस्सा
- रतूड़ीसेरा स्थित सौ मीटर हिस्सा
- सैणी स्थित सौ मीटर हिस्सा
'बीआरओ को डेंजर प्वाइंट पर मशीनें रखने को निर्देशित किया गया है, सड़कों की हालत बेहद खराब है कुछ हिस्सों को प्रशासन ने सिंचाई विभाग और लोनिवि से दुरूस्त करवाया था वहां स्थिति बेहतर है। बीके मिश्रा, एडीएम उत्तरकाशी।