अधूरे पुलों से जिंदगी वीरान
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री वैकल्पिक हाईवे पर तीन अधूरे पुल जी का जंजाल बने हैं। बीआरओ ने इन पुलों पर पांच साल पहले ही काम शुरू कर दिया था, लेकिन बजट के अभाव में इनका काम बीच में ही लटक गया। इस कारण वैकल्पिक हाईवे का निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है।
आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बाईपास मार्ग के बेहद जरूरत है। इसके लिए करीब दस वर्ष पूर्व बीआरओ ने बड़ेथी तेखला वैकल्पिक हाईवे का काम शुरू किया था। सात किमी इस हाईवे पर रोड कटिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। कुछ जगहों पर भूस्खलन जोन को छोड़ दें तो यह सड़क लगभग पूरी तैयार है, लेकिन सड़क पर भागीरथी के ऊपर तेखला और मनेरा सहित इंद्रावती नदी पर पुल तैयार नहीं हो सके हैं। तेखला में बन रहा आरसीसी पुल एक ऐबेटमेंट के साथ अधूरा ही बन सका है। जबकि इंद्रावती पर भी आरसीसी पुल पूरा तैयार है, लेकिन इसके लिए एक ओर से सड़क की एप्रोच तैयार नहीं हो सकी है। इस कारण यह पुल अब वाहन पार्किंग के काम आ रहा है। वहीं मनेरा में पुल का गार्डर तीन साल पहले लगाया जा चुका है, लेकिन उस पर आवाजाही के लिए कंक्रीटिंग नहीं हो सकी है। इस पुल के एक ओर लकड़ी के तख्ते डालकर लोग पैदल आवाजाही कर हैं।
तो बंद नहीं होती आवाजाही
उत्तरकाशी : बीते साल की बाढ़ में तिलोथ पुल टूटने से तिलोथ, मांडों, जसपुर सिलाण आदि गांवों का सड़क संपर्क छह माह तक कट गया था। वहीं बडे़थी चुंगी में गंगोत्री हाईवे ध्वस्त होने से मनेरा व दिलसौड़ गांव अलग थलग पड़ गए थे। इन तीनों पुलों के बनने से बड़ेथी से तेखला तक करीब पांच हजार की आबादी की जिला मुख्यालय तक आवाजाही बेहद आसान भी हो जाएगी। वैकल्पिक हाईवे पर पुल तैयार होते तो जिला मुख्यालय के निकटवर्ती इन गांवों की आवाजाही बंद नहीं होती।
'वैकल्पिक हाईवे को दुरुस्त करना शुरू कर दिया गया है, पुलों को लेकर बजट की समस्या थी। इसे अब उच्च स्तर पर हल किया जा रहा है, जल्द ही पुलों को पूरा करने का काम भी शुरू हो जाएगा। कर्नल सोमेंद्र मुखर्जी ओसी, बीआरओ