Move to Jagran APP

मिट्टी की दीवार से होगी सुरक्षा

By Edited By: Published: Sun, 13 Jul 2014 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jul 2014 06:25 PM (IST)
मिट्टी की दीवार से होगी सुरक्षा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : भागीरथी में बाढ़ सुरक्षा कार्य सुरक्षा के नाम पर मखौल उड़ाया जा रहा है। इसका नमूना मातली बस्ती को बचाने के लिए बनाई जा रही सुरक्षा दीवार है। इस काम में सीमेंट व पत्थर की दीवार खड़ी करने की बजाए मिट्टी डाल दी गई है। इससे मातली बस्ती पर खतरा लगातार मंडरा रहा है।

loksabha election banner

बीते साल जून माह में भागीरथी नदी की बाढ़ ने मातली गांव की तटवर्ती बस्ती को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। जिला मुख्यालय से सात किमी दूर गंगोत्री हाईवे पर स्थित इस बस्ती के साथ ही आइटीबीपी परिसर का भी बड़ा नुकसान हुआ। इस साल जनवरी माह में आइटीबीपी ने अपना बाढ़ सुरक्षा कार्य खुद ही शुरू करवाया। मातली बस्ती वाले हिस्से में सिंचाई विभाग ने बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू करवाया। भागीरथी तट पर 395 मीटर लंबी व आठ मीटर ऊंची दीवार बनाई जानी थी, लेकिन ठेकेदार की मनमानी के चलते यह काम अभी दस फीसद भी नहीं हुआ है। कोढ़ पर खाज यह कि कार्य में देरी के साथ ही गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नींव तैयार करने के बाद अब उसके ऊपर सीमेंट के मसाले से पत्थरों की दीवार खड़ी करने की बजाए मिट्टी भरी जा रही है। सिंचाई विभाग के ही डिजाइन के अनुसार नींव में सीसी ब्लॉक तैयार कर उसके बाद सीमेंट के जोड़ से पत्थर की दीवार खड़ी की जानी चाहिए। ऐसे में दीवार की गुणवत्ता के साथ विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है। जबकि कार्य की गति पर नजर डालें तो मौके पर दो या तीन मजदूर ही रहते हैं। कई बार आठ से दस दिन तक काम भी बंद रखा गया है। जबकि दूसरी ओर आइटीबीपी की सुरक्षा दीवार करीब नब्बे फीसद पूरी हो चुकी है।

ग्रामीण कर रहे लगातार विरोध

उत्तरकाशी : मातली के ग्रामीण सिंचाई विभाग की कार्यशैली व ठेकेदार की मनमानी का कई बार विरोध भी कर चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक उन्हें ठेकेदार की ओर से ऐसा करने पर काम बंद करने की भी धमकी मिलती रहती है। जिला प्रशासन को भी ग्रामीणों ने इस स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।

'मातली में धीमे काम की शिकायतें पहले भी आई हैं। ठेकेदार को काम तेजी से करने को कहा गया है, लेकिन मिट्टी डालने की जानकारी नहीं है, मौके पर जाकर इसकी जांच की जाएगी।

पीएस पंवार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.