बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा काटा, तोड़फोड़ की
उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में एक बच्ची की अस्पताल में मौत होने के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा काटा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
काशीपुर(उधमसिंह नगर), [जेएनएन]: बच्ची की मौत के बाद परिजन भड़क गए। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर हंगामा काटा। साथ ही तोडफ़ोड़ की। इस दौरान परिजनों ने चिकित्सक पर बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने पीड़ितों से घटना की जानकारी ली।
ग्राम रामनगर वन, जसपुर निवासी नईम अहमद पुत्र अख्तियार हुसैन की बेटी माहिरा की 10 नवंबर को हालत खराब हुई। परिजनों ने उसे बाजपुर रोड स्थित केके बच्चों का अस्पताल ले गए। इस दौरान डा. केके अग्रवाल ने उनकी बेटी को निमोनिया बताकर भर्ती कर लिया।
आरोप है कि भर्ती करने के बाद से ही लगातार चिकित्सक बेटी के इलाज में लापरवाही बरती। शुक्रवार सुबह चिकित्सक ने बेटी की हालत सही बताकर उसकी ऑक्सीजन मॉस्क निकाल दिया। इसके बाद बेटी की तबियत बिगड़ने लगी। इस संबंध में चिकित्सक से बच्ची को देखने के लिए कहा गया तो उन्होंने कंपाउंडर पर टाल दिया। साथ ही उठकर खाना खाने चले गए, लेकिन कंपाउंडर भी बेटी को देखने के लिए नहीं पहुंचा।
हालत बिगड़ती देख जब वह बेटी को दूसरे अस्पताल ले जाने लगे तो अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें बिल देने को कहा। इसके बाद उन्होंने तीन निजी अस्पतालों में बेटी को दिखाया, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए।
जब वह मानपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में बच्ची को लेकर पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे गुस्साए परिजनों ने शाम करीब छह बजे केके अस्पताल पहुंचकर हंगामा काटा। साथ ही तोड़फोड़ कर दी। मृतक की दादी का आरोप है कि जब वह चिकित्सक से बातचीत कर रही थी तो अस्पताल कर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की। साथ ही मारपीट भी की।
सूचना पर मौके पर बांसफोड़ान चौकी इंचार्ज योगेश दत्त ने मौके पर पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने गुस्साएं परिजनों को शांत कराया। इधर, अस्पताल स्वामी डा. केके अग्रवाल का कहना है कि बच्ची को जब अस्पताल में भर्ती किया गया था। तब उसकी हालत काफी गंभीर थी। हालत ठीक हुई तो उसे जनरल वार्ड में भर्ती किया गया था। इसके बाद उनकी गैर मौजूदगी में बच्ची की तबियत खराब होने पर परिजन उसे अस्पताल से कहीं दूसरी जगह ले गए। बच्ची के इलाज में कोई कमी नहीं हुई है।
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