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उत्तराखंड के गांवों को स्मार्ट बनाएगा पंत विश्वविद्यालय

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि उत्‍तराखंड के गांवों को स्मार्ट बनाएगा। पहले चरण में नौ गांव चयनित किए जाएंगे और ग्राम पंचायत से ब्लॉक स्तर तक एक्शन प्लान बनाया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 11:34 AM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 08:37 PM (IST)
उत्तराखंड के गांवों को स्मार्ट बनाएगा पंत विश्वविद्यालय

काशीपुर (ऊधमसिंहनगर), [अरविंद कुमार सिंह]: जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय राज्य के गांवों को स्मार्ट बनाने की राह पर चल पड़ा है। इसके लिए पहले चरण में नौ गांव चयनित किए जाएंगे और ग्राम पंचायत से ब्लॉक स्तर तक एक्शन प्लान बनाया जाएगा। 

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एक्शन प्लान के अनुसार एक गांव एक किसान के कंसेप्ट के तौर समन्वित खेती, पशुपालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की टीमें गठित की गई हैं। ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा के एक-एक गांव का स्मार्ट विलेज के लिए चयन किया जाएगा। 

पहले चरण में उन गांवों का चयन किया जाएगा जिनमें ज्यादातर लघु व सीमांत जोत वाले किसान हैं। राज्य में 91 फीसद किसान छोटे जोत के हैं। इनके पास 66 फीसद कृषि भूमि है। नौ फीसद किसानों के पास 34 फीसद कृषि भूमि है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जे कुमार के अनुसार स्मार्ट विलेज में किसानों को उन्नत बीज, उच्च तकनीक और सरकार की योजनाओं से अवगत कराया जाएगा। 

इससे किसानों के जीवन स्तर में बदलाव भी आएगा। विश्वविद्यालय के निदेशक (शोध) डा. एसएन तिवारी स्मार्ट विलेज के लिए कृषि वैज्ञानिकों की स्टीयरिंग, प्रोग्रामिंग सहित तीन टीमें गठित की गई हैं। स्मार्ट विलेज में सभी सुविधाएं मुहैया होंगी। 

 स्मार्ट विलेज में ये होंगे कार्य

समन्वित खेती, पशुपालन, उद्यान, बकरी व मधुमक्खी पालन के साथ पोल्ट्री आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। स्थानीय फसलों के साथ व्यावसायिक खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि से जुड़ी उच्च तकनीकी के बारे में बताया जाएगा। बीज ग्राम योजना में बीज उत्पादन पर भी जोर दिया जाएगा।

 गांवों में लगेंगी पाठशाला

स्मार्ट विलेज में निरक्षरों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक दिन शाम को पाठशाला होगी। इससे लोग योजनाओं से रूबरू हो सकेंगे। निरक्षरों को पढ़ाने के लिए बीएससी फाइनल व एनएसएस के छात्रों को जोड़ा जाएगा। बीएससी के छात्र गांवों में जाएंगे और खेती के बारे में भी बताएंगे।

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