गन्ने की फसल पर तना भेदक कीट का हमला
जागरण संवाददाता, काशीपुर : गन्ने की फसल पर तना भेदक व ब्लैग बग हमला कर रहे हैं। इसका असर उत्पादन पर
जागरण संवाददाता, काशीपुर : गन्ने की फसल पर तना भेदक व ब्लैग बग हमला कर रहे हैं। इसका असर उत्पादन पर पड़ सकता है। कीट को मारने के लिए किसानों को सक्रिय होना होगा।
राज्य में करीब 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की जाती है। ज्यादातर हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून व नैनीताल में गन्ने की खेती होती है। भीषण गर्मी में तना भेदक व ब्लैक बग कीट सक्रिय हो जाते हैं। यह मौसम भी इन कीटों के लिए मुफीद है। ऐसे में फसल में इन कीटों का प्रकोप बना है। तना भेदक का करीब 15 फीसद व ब्लैक बग का 10 फीसद प्रकोप है। इससे किसान काफी परेशान हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक मई व जून माह में तना भेदक व ब्लैक बग सक्रिय हो जाते हैं। यदि समय रहते इन कीटों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ता है। बारिश होने पर ही इन कीटों का प्रकोप खत्म होगा। इस माह अभी तक बारिश न होने से कीट सक्रिय हैं। कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. सी तिवारी ने बताया कि यदि कम क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की गई है और तना भेदक कीट का प्रकोप है तो गन्ने को जड़ से काटकर खेत के बाहर फेंक देना चाहिए। यदि ज्यादा क्षेत्रफल में तना भेदक कीट का प्रकोप है तो इसमें कार्बोफ्यूरान या कार्टप दानेदार 10 से 12 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से बुरकाव करें। ब्लैक बग के प्रकोप को खत्म करने के लिए क्लोफाइरीफॉस 20 ईसी दो सौ मिलीलीटर की मात्रा दो सौ किलोग्राम पानी का घोल प्रति एकड़ छिड़काव करें। यह मौसम इन कीटों के लिए अनुकूल है।