एसएलएओ दफ्तर की 'सफाई' शुरू
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : मुआवजा घोटाले की परतें खुलने के साथ ही कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। स
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : मुआवजा घोटाले की परतें खुलने के साथ ही कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। सात पीसीएस अफसरों पर गाज गिरने के बाद अब एसएलएओ कार्यालय के कर्मचारियों पर कार्रवाई का डंडा घूम गया है। पटवारी, पेशी मोहर्रिर, कनिष्ठ सहायक और ट्रेसर को उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया है। डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। घोटाले में कर्मचारियों की संलिप्तता की गोपनीय जांच भी चल रही है। इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
एनएच 74 के चौड़ीकरण की आड़ में हुए मुआवजा घोटाले की पूरे प्रदेश में गूंज है। अब तक सात पीसीएस अफसर निलंबित किए जा चुके हैं और जांच सीबीआइ को हस्तांतरित हो चुकी है। कई अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। अब तक की जांच में 250 करोड़ से अधिक का गड़बड़झाला सामने आ चुका है। खुद कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन इसकी पुष्टि कर चुके हैं। कृषि से अकृषि दर्शायी गई जमीनों और उससे संबंधित फाइलों की पड़ताल की जा रही है। कुछ तहसीलों में रिकार्ड तक गायब और फटा हुआ मिला है। ऐसे मामलों में बाजपुर और गदरपुर तहसील आगे हैं। सितारगंज तहसील के अहलमद संतराम को निलंबित भी किया जा चुका है। कार्रवाई के बीच सोमवार को एसएलएओ कार्यालय की भी सफाई की गई। यहां पिछले काफी समय से तैनात ट्रेसर राजू पाल, कनिष्ठ सहायक पपेंदर, पेशी मोहर्रिर सौरभ और पटवारी सुरजीत ¨सह को हटा दिया गया है। राजू, पपेंदर और सौरभ को उनके मूल विभाग बंदोबस्त में वापस भेज दिया गया है। वहीं सुरजीत ¨सह को गदरपुर तहसील में भेजा गया है। यह कार्रवाई डीएम के आदेश पर की गई है। उधर, तीन बक्सों में भरकर 143 से संबंधित फाइलें डबल लॉकर में सुरक्षित रखवा दी गई हैं। इस सख्ती ने कर्मचारियों के चेहरों पर कार्रवाई का डर सता रहा है। खबर मिली है कि हटाए गए कर्मचारियों की गोपनीय जांच भी की जा रही है। इन कर्मचारियों पर भी गाज गिरना तय है।
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एसडीएम का पेशकार सूत्रधार
रुद्रपुर : एसआइटी का मानना है कि रुद्रपुर एसडीएम कार्यालय का पेशकार विकास इस मामले का सूत्रधार है। वह कई तहसीलों में कार्यरत रहा है और उसे एनएच चौड़ीकरण की अच्छी जानकारी है। उससे पुलिस टीम ने भी पूछताछ की है। साथ ही उसे कार्यालय से हटाने के आदेश भी कर दिए गए हैं।
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चेक बुक भी डबल लॉक में
रुद्रपुर : घोटाला सामने आने के बाद उस संयुक्त खाते की चेकबुक भी डबल लॉक में रखवा दी गई है जिसके जरिये भू स्वामियों को भुगतान किया जाता था। यह चेक बुक एनएचएआइ के पीडी और एसएलएओ के संयुक्त खाते की हैं। ऐसे में भू स्वामियों का मुआवजा लटक गया है। लोग एसएलएओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, वहां से उन्हें एक ही जवाब मिल रहा है कि जांच होने तक सब्र करें।
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निर्माणदायी संस्था का इंजीनियर भी संदेह के घेरे में
रुद्रपुर : एनएच 125 का चौड़ीकरण कर रही कंपनी का एक इंजीनियर भी जांच के दायरे में हैं। उसकी शिकायत भी अफसरों से की गई है। सामने आया है कि उसी के सहयोग से सब कुछ चल रहा था। उसकी भूमिका की जांच कराई जा रही है। यह माना जा रहा है कि शिकंजा जल्द ही उसके गले भी होगा।
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कार्रवाई को लेकर सवाल
रुद्रपुर : शासन की कार्रवाई पर यूं तो किसी को ऐतराज नहीं, लेकिन कार्रवाई की जद में आए दो पीसीएस अफसरों को लेकर रोष जरूर है। जिले में पूर्व में तैनात रहे इन अफसरों पर जो आरोप लग रहे हैं, उसे अफसर तो क्या कर्मचारी तक सही मानने को तैयार नहीं। इन दोनों अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर अब तक प्रशंसा होती थी, लेकिन निलंबन में उनका नाम भी सामने आने पर अधिकारी दबी जुबान से ही सही, कार्रवाई की आलोचना कर रहे हैं।
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सीबीआइ ने मांगी जानकारी
रुद्रपुर : शासन से सीबीआइ जांच के निर्देश के बाद हरकत शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने जनपद के पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी है और फाइलें तलब की हैं। यहां बता दें कि मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच एसआइटी कर रही थी। इस टीम में एसपी क्राइम टीडी वैला के साथ ही आइपीएस सहायक पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी शामिल थे।
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सीबीआइ हमसे जो सहयोग भी मांगेगी, हम देंगे। फाइलों को डबल लॉकर में सुरक्षित रखवा दिया गया है। जो भी संदिग्ध मामला मिल रहा है, हम उसकी जांच करा रहे हैं।
-डॉ. नीरज खैरवाल, डीएम, ऊधम¨सह नगर