जुर्माना भरा, फिर भी किया अवैध खनन
बाजपुर : राजस्व विभाग ने एक वर्ष में लगभग सत्तर लाख का जुर्माना वसूल किया, लेकिन अवैध खनन फिर भी नही
बाजपुर : राजस्व विभाग ने एक वर्ष में लगभग सत्तर लाख का जुर्माना वसूल किया, लेकिन अवैध खनन फिर भी नहीं रुक पा रहा है। यदि वास्तव में शत-प्रतिशत कार्रवाई हो ता यह आंकड़ा सात करोड़ तक जा सकता है। प्रशासन के रिकार्ड के अनुसार तहसील क्षेत्र में 37 खनन पट्टे, इनमें 15 सुल्तानपुर, 14 रतनपुरा, 9 मडैय्या गुलजारी पटवारी क्षेत्र में स्थापित हैं। जबकि 36 स्टोन क्रशर लगे हैं। प्रति क्रेशर यदि दस हजार ¨क्वटल प्रतिदिन औसत भी लगाई जाए तो तीन लाख साठ हजार क्टिंवल खनन सामग्री रोज बाहर जा रही है जबकि रायल्टी इसके मुकाबले काफी कम है। गत वर्ष अवैध खनन पर 6941 से अधिक का जुर्माना वसूला गया जिसमें लगभग 15 लाख जुर्माना बिना अनुमति खेतों से चुगान पर लगाया गया जुर्माना भी है।
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कोसी में अवैध खनन को वैध करने की नहीं हो रही कसरत
बाजपुर : सत्ता चाहें किसी की भी हो लेकिन खनन हमेशा केंद्र ¨बदु रहा है, जब भी कोई नई सरकार बनती है अथवा बड़ा अधिकारी आता है तो उसका पहला दावा होता है अवैध खनन बंद कराया जाए। लेकिन कुछ दिन हंगामा होता है और व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर आ जाती है। यह वात हर व्यक्ति को पता है कि काम अवैध होता है लेकिन उसे वैध करने की कसरत कोई नहीं करता। हर वार वन विभाग निगम के माध्यम से खनन कराता है तो शासन पट्टों पर रायल्टी जारी करता है। यही पर घालमेल है, क्योंकि स्वीकृत क्षेत्र से खनन कराने पर पट्टा धारक खर्चा भी पूरा नहीं कर पाता, ऐसे में एक रायल्टी पर तीन से चार चक्कर तय हैं जिसे रोका नहीं जा सकता, क्योंकि जहां स्वीकृत पट्टे है उसके आसपास नदी का क्षेत्र खाली होता है, जहां से अवैध खनन होता तय है जो दिन में एक वार कटी रायल्टी पर तीन से चार वार होता है इसे रोकने के प्रयास नहीं होते, क्योंकि हिस्सा सब को चाहिए।
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ठेके पर देने से रुकेगी चोरी
बाजपुर : जनता का मानना है कि सरकारी तंत्र के चलते खनन पर रोक लगना असंभव है, ऐसे में प्रदेश के खनन क्षेत्र को चिन्हित कर टेंडर प्रक्रिया से ठेके दिए जाने चाहिए व तत्काल प्रभाव से पट्टे समाप्त कर दिए जाने चाहिए। साथ ही पूरी नदी में दोनों तरफ अधिकतम तीन तीन गेट ही रखे जाएं। एक वाहन दिन में दो से अधिक चक्कर न लगा सके, इसका ध्यान रखा जाए।
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खनन से पुलों को खतरा
बाजपुर: खनन से रेलवे के पुलों को भी खतरा पैदा हो गया है। नियमानुसार रेलवे अथवा यातायात पुल से सौ मीटर वर्ग आकार में खनन नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां खुलेआम पुल के ठीक नीचे खनन होता है जिसे कोई रोकने बाला नही है ।
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यहां होता है खनन, पर स्वीकृति नहीं
बाजपुर : बौर, गडरी, लेवडा, ढेला सहित तमाम नदी नाले ऐसे हैं जहां बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है लेकिन अनुमति किसी भी स्थान की नहीं है, यदि सभी को चिन्हित किया जाए तो राजस्व में बड़ा इजाफा हो सकता है।