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आसवनी में महिला श्रमिकों के प्रवेश पर रोक

संवाद सहयोगी, बाजपुर : चीनी मिल की सह इकाई आसवानी में नवनियुक्त एक्साइज इंस्पेक्टर ने नियमों का हवाल

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 01:01 AM (IST)
आसवनी में महिला श्रमिकों के प्रवेश पर रोक

संवाद सहयोगी, बाजपुर : चीनी मिल की सह इकाई आसवानी में नवनियुक्त एक्साइज इंस्पेक्टर ने नियमों का हवाला देकर महिला श्रमिकों के प्रवेश पर यकायक रोक लगा दी। इससे इकाई में कार्यरत महिला श्रमिक आग बबूला हो उठीं। रोजी-रोटी के संकट का हवाला देते हुए उन्होंने मिल के गेट पर जमकर हंगामा काटा। साथ ही एक्साइज इंस्पेक्टर का घेराव कर न्याय की गुहार लगाई। विरोध के कारण काफी देर तक मिल का काम प्रभावित रहा। तीन दिन तक कार्य करने की अनुमति मिलने के बाद श्रमिकों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

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आसवनी में ठेकेदार की तरफ से करीब 50 महिला श्रमिक कार्यरत हैं। बुधवार को सभी महिला श्रमिक काम पर गई तो गेट पर ही उन्हें रोक लिया गया। इससे वे भड़क उठीं और मौके पर ही हंगामा काटना शुरू कर दिया। उन्होंने एक्साइज इंस्पेक्टर पन्नालाल का घेराव करते हुए काम देने की गुहार लगाई। श्रमिकों ने कहा कि वे करीब 10-12 साल से आसवनी में ठेकेदार की तरफ से काम कर रही हैं। अचानक काम से रोका गया तो परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इधर, एक्साइज इंस्पेक्टर ने कहा कि एक्साइज एक्ट के अंतर्गत डिस्टलरी में महिला श्रमिकों का प्रवेश वर्जित है। मिल के प्रधान प्रबंधक से लिखित आश्वासन के बाद ही महिला श्रमिकों को काम पर आने दिया जाएगा। इसके लिए तीन दिन का समय दिया जाता है। बताते चलें कि एक्साइज इंस्पेक्टर पन्नालाल ने अभी एक माह पहले ही बाजपुर आसवनी में पद ग्रहण किया है। प्रदर्शन करने वालों में रानी, छोटी देवी, श्रीसीन, दुर्गा, भागवती, कमला कांडपाल, बबीता, बबली, कमलेश, जयवती, शबाना, राधिका, मुनकेश, सावित्री, प्रेमवती, दुर्गेश, मंजू, जया कांडपाल, परमेश्वरी, शांति आदि मौजूद थीं।

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पुरुष श्रमिक भी समर्थन में

बाजपुर : डिस्टलरी में प्रवेश पर रोक लगाने के चलते पुरुष श्रमिक भी महिला श्रमिकों के समर्थन में आए। बुधवार को वे काम पर नहीं पहुंचे, जिसके चलते 10.30 बजे तक आसवनी में काम ठप रहा।

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नियमों के खिलाफ नहीं होगा काम

बाजपुर : एक्साइज इंस्पेक्टर पन्नालाल ने बताया कि एक्साइज एक्ट 1910 के तहत कोई भी महिला डिस्टलरी, वाइन शॉप, डिस्टलोन व बार आदि में काम नहीं कर सकतीं। यदि नियमों के खिलाफ जाकर महिलाओं को काम पर रखा जाता है और कोई घटना घटित हो जाती है तो इसके लिए सीधे तौर पर इंचार्ज ही दोषी होगा। ऐसे में इकाई में नियमों के खिलाफ कोई काम नहीं होगा।

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प्रबंधन ही सवालों के घेरे में

बाजपुर : नवनियुक्त एक्साइज इंस्पेक्टर पन्ना लाल ने महिला श्रमिकों को आसवनी में प्रवेश देने से साफ इन्कार कर दिया है, लेकिन इससे खुद मिल प्रबंधन सवालों के घेरे में है। वर्ष 2007 से ये महिला श्रमिक ठेकेदार के माध्यम से मिल में काम कर रहीं हैं। पिछले दस वर्षो में कई इंस्पेक्टर आए, लेकिन महिला श्रमिकों का काम बदतसूर जारी रहा। सवाल यह है कि जब नियम ही आसवनी में महिला श्रमिकों के प्रवेश के लिए इजाजत नहीं देते तो किस आधार पर पिछले दस वर्ष से महिला श्रमिक यहां काम कर रहीं थीं।


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