अस्पताल पर छापा, अधूरे मिले दस्तावेज
जागरण संवाददाता, खटीमा : अल्ट्रासाउंड करने से पहले अस्पताल प्रबंधन की ओर से भारी खामियां सामने आई है
जागरण संवाददाता, खटीमा : अल्ट्रासाउंड करने से पहले अस्पताल प्रबंधन की ओर से भारी खामियां सामने आई हैं। अस्पताल प्रबंधन की ओर से अल्ट्रासाउंड करने से पहले न तो फार्म पूरे भरे जाते हैं न इनमें चिकित्सकों के हस्ताक्षर होते हैं। एसडीएम ने ऐसे ही एक मामले में गायत्री हॉस्पिटल की अल्ट्रासाउंड मशीन का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की है। साथ ही पाल नर्सिग होम में एक खराब अल्ट्रासाउंड मशीन सीज कर दी। अस्पताल संचालकों को किसी भी दशा में लिंग परीक्षण न करने की हिदायत देते हुए मामले की रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई।
एसडीएम ऋचा सिंह ने बुधवार को पीसीपीएनडीटी की टीम के साथ अल्ट्रासाउंड सेंटर का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने सितारगंज मार्ग स्थित पाल नर्सिग होम पहुंचकर दस्तावेज टटोले। यहां टीम को अस्पताल का रिकार्ड तो संतोषजनक मिला, लेकिन एक मशीन खराब चल रही थी। इसे मौके पर ही टीम ने सीज कर दिया। इसके बाद टीम गायत्री अस्पताल पहुंची। यहां अल्ट्रासाउंड करते वक्त अस्पताल प्रशासन की ओर से भारी लापरवाही मिली। टीम को अल्ट्रासाउंड करते वक्त भरे जाने वाले प्रपत्र अधूरे भरे मिले। इतना ही नहीं फार्म पर डॉक्टर के हस्ताक्षर भी नहीं थे। इस पर एसडीएम ने अल्ट्रासाउंड मशीन के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति डीएम से की है। टीम ने अस्पताल से करीब तीस फार्म भी अपने कब्जे में ले लिए हैं। टीम ने उमेश अग्रवाल के अस्पताल पहुंचकर अल्ट्रासाउंड संबंधी प्रपत्रों की जांच की। चेकिंग के दौरान पीसीपीएनडीटी जिला कॉडिनेटर प्रदीप मेहरा, सहायक गोपाल आर्य, राजस्व निरीक्षक नरेंद्र गहतोड़ी, सतीश आदि मौजूद थे।