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बाल वैज्ञानिकों में मौसम की समझ जरूरी : पांडे

संवाद सूत्र, नानकमत्ता : बाल वैज्ञानिकों में मौसम की समझ अत्यंत आवश्यक है। जिससे आने वाले समय में

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 08:05 PM (IST)
बाल वैज्ञानिकों में मौसम की समझ जरूरी : पांडे

संवाद सूत्र, नानकमत्ता : बाल वैज्ञानिकों में मौसम की समझ अत्यंत आवश्यक है। जिससे आने वाले समय में मौसम परिवर्तन के खतरों का सामना करने की नई सोच पैदा हो सके। यह बाद रविवार को भारत सरकार के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीके पांडे ने कही। गुरु नानक एकेडमी में आयोजित दो दिवसीय 23 वीं राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ हो गया। प्रदेश के 13 जनपदों से आए 140 बाल वैज्ञानिकों ने अपने-अपने शोध पत्र पढ़े। जिनका निर्णायकों ने बारीकी से अध्ययन किया।

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प्रतियोगिता के शुभारंभ से पूर्व बाल वैज्ञानिकों ने गुरुद्वारे से आयोजन स्थल तक रैली निकाली और लोगों को विज्ञान में हो रहे परिवर्तन के बारे में जागरूक किया। इसके बाद पूर्व वैज्ञानिक डॉ. पांडे, मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसके कुशवाहा, नानकमत्ता विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया। तकनीकि सत्र में इस वर्ष के मुख्य विषय 'मौसम व जलवायु की समझ' व छह उप विषय 'अपने चारों और के मौसम की समझ, मौसम जलवायु पर मानवीय हस्तक्षेपों का प्रभाव, मौसम जलवायु एवं परितंत्र, मौसम जलवायु समाज एवं संस्कृति, मौसम जलवायु एवं कृषि एवं मौसम जलवायु एवं स्वास्थ्य' पर बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इससे पूर्व डॉ. पांडे ने बाल विज्ञान काग्रेस का ध्वज फहराया व बाल वैज्ञानिकों से परिचय प्राप्त किया। प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में डॉ. पांडे ने कहा कि वह 1993 से यह प्रतियोगिता करा रहे हैं। शुरूआत में यह देश के 16 राज्यों में की गई लेकिन अब देश के हर जनपद में आयोजित की जा रही है। जिससे बच्चों में वैज्ञानिक सोच तो पैदा हो ही रही है साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. कुशवाहा ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयोगों से बच्चे अपने आस-पास के मौसम में हो रहे परिवर्तन को आसानी से जान सकते हैं व इसके परिवर्तन से आ रहे कृषि स्वास्थ्य आदि पर पड़ रहे प्रभावों को कम कर सकते हैं। खटीमा विधायक डॉ. पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों को समय की उपयोगिता को बताया और एक विषय में महारत हासिल करने के प्रेरित किया। डेरा कार सेवा मुखी बाबा तरसेम सिंह ने बच्चों को अपना आशीर्वाद दिया। सत्र के अंत में आए सभी गणमान्य अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक व दर्जा राज्य मंत्री गोपाल सिंह राणा, अपर निदेशक कुमाऊं सुषमा सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी नीता तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी सोनी मेहरा, पहल संस्था की राज्य समन्वयक कमला पंत, मंजू भट्ट, जिला समन्वयक नरेंद्र रौतेला, प्रधानाचार्य मनिंदर सिंह गुलाटी, धर्मेद्र बसेड़ा, विवेक चौधरी, दीपक शर्मा, धीरज शर्मा आदि मौजूद रहे।

डॉ. सुरेंद्र विज्ञान संचारक अवार्ड से सम्मानित

सितारगंज : सत्र में पहल संस्था द्वारा जीआइसी उत्तरकाशी में अर्थशास्त्र प्रवक्ता डॉ. सुरेंद्र सिंह मेहरा को राज्य विज्ञान संचारक अवार्ड 2015 से पुरस्कृत किया गया। वह 2000 में राष्ट्रपति अवार्ड व 2000 में उत्तर प्रदेश विज्ञान संचारक ने विकास संस्था इलाहाबाद से भी सम्मानित हो चुके हैं। डॉ. सुरेंद्र पांच विषयों इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, एमएड अर्थशास्त्र से परास्नातक कर चुके हैं। रूद्रप्रयाग के जखूली ब्लॉक के गांव लूठियाग के रहने वाले डॉ. सुरेंद्र करीब दस से 17 वर्ष के बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

प्रतियोगिता राज्य स्तरीय नाम राष्ट्र स्तरीय

पहल संस्था द्वारा गुरु नानक एकेडमी में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया लेकिन कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया गया। आयोजन स्थल में लगे बैनर व पोस्टर से तो लग रहा था कि वह राज्य स्तरीय नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता की है। जब अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो वह हड़बड़ाने लगे और बात को घुमा कर शांत कर दिया।


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