न डकैतों का पता न हत्यारों का
जागरण संवाददाता, काशीपुर: एएसपी काशीपुर सर्किल के अंडर में आने वाले तीन थानों के प्रभारी और उनकी
जागरण संवाददाता, काशीपुर: एएसपी काशीपुर सर्किल के अंडर में आने वाले तीन थानों के प्रभारी और उनकी टीम वारदातों का खुलासा करने में फिसड्डी साबित हो रही है। न डकैतों का सुराग, न हत्यारों का पता। न जाने पुलिस क्या कर रही है। हत्या, डकैती, लूट और चोरी जैसे अपराधों का खुलासा न होना और लगातार क्राइम बढ़ते रहने से पुलिस की साख पर बट्टा लग रहा है।
काशीपुर, आइटीआइ व कुंडा थाने की सीमा एक दूसरे से लगी हुई है। इसके बावजूद तीनों थानों की पुलिस वारदातों को वर्कआउट नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि चोर, डकैत, हत्यारे बेखौफ काशीपुर, कुंडा व आइटीआइ क्षेत्र में घूम रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली का ही नतीजा है कि डकैतों ने गांव की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। सरिता, रामेश्वरी देवी हत्याकांड अनसुलझी पहली बनकर रह गए है।
खुलासे के नाम पर दो वर्कआउट
- खुलासे के नाम पर आइटीआइ पुलिस पाकीजा कॉलोनी में गोली मारकर की गई युवक की हत्या और एटीएम लूटकांड के प्रयास में गार्ड को मारने वाले हत्यारों को पकड़ सकी है।
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अनसुलझी वारदातें
केस एक
सरिता मर्डर
- आदर्श नगर कालोनी में दिनदहाड़े सरिता चौहान की हत्या की गई। हत्यारे ने बेरहमी से सरिता का गला काटा और रसोई से बाथरूम तक उसे घसीटा था। बाथरूम की दीवारों पर खून के छींटों ने सरिता के साथ हुए अन्याय की दास्ता को बयां किया था। अप्रैल के पहले सप्ताह में हुए इस हत्याकांड का पुलिस सितंबर की चार तारीख होने के बावजूद कोतवाली काशीपुर पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है।
केस दो
रामेश्वरी हत्याकांड
- 15 जुलाई को वैशाली कॉलोनी में दिनदहाड़े घर में अकेली वृद्घा रामेश्वरी देवी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। हत्यारे ने सबूत मिटाने के लिए सफेद केमिकल का प्रयोग किया था। वारदात के वक्त रसोईघर में गिरा सामान भी ठीक से रखा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रामेश्वरी देवी के शरीर की कई हड्डियों के साथ पसलियां भी टूटी मिली थी। इसे भी पुलिस वर्कआउट नहीं कर पाई। आइटीआइ थाना पुलिस अभी तक जांच ही कर रही है।
केस-तीन
गिरीश हत्याकांड
- 12 जून को सुल्तानपुर पट्टी क्षेत्र में उत्तरांचल इस्पात फैक्ट्री में घुसकर दिनदहाड़े कैशियर गिरीश की नकाबपोश बदमाश ने गोली मारकर हत्या कर दी गई। नकाबपोश को किसी को नहीं रोका, गोली मारने के बाद भागते सबने देखा। इसमें धरना प्रदर्शन भी हुआ। आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। बाजपुर पुलिस इसमें फिसड्डी साबित हो रही है।
केस-चार
फसियापुरा डकैती
-19 जुलाई की रात को फसियापुरा में मनोज सिंह चौहान के घर डकैती पड़ी। नकाबपोश सशस्त्र डकैतों ने परिवार को बंधक बनाकर करीब ढाई लाख रुपये की डकैती डाली। कोतवाली काशीपुर डकैतीकांड में कुछ नहीं कर सकी है।
केस पांच
इस्लामनगर डकैती
- 18 अगस्त को कुंडा थाना क्षेत्र के गांव इस्लामनगर में चांद खां के घर सशस्त्र डकैतों ने धावा बोला। परिवार को बंधक बनाकर पूरे घर को डकैतों ने खंगाला। लाखों की डकैती थी। इस कांड में दो दिन तक वारदात ही छुपा ली गई। इसमें भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी है।
केस-छह
हरियावाला में डकैती का प्रयास
- एक सितंबर को हरियावाला गांव में किसान सुनील कुमार के घर दरवाजा तोड़कर नकाबपोश हथियारों से लैस डकैत घुसे। चार मकान में थे। कई बाहर पहरा दे रहे थे। सुनील के जागने से डकैत वारदात नहीं कर सके। गांव में जाग पर हवाई फायरिंग कर भाग गए थे। इसमें भी पुलिस ने कुछ कार्रवाई नहीं की है।
केस-सात
- सात अगस्त की रात को कुंडा थाना क्षेत्र के सिदद्देश्वरी पेपर मिल में घुसे चोर करीब पांच लाख का कैस व चांदी के सिक्के समेत पेपर मिल के ऑफिस से तिजोरी ही उखाड़ ले गए थे। इसमें भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी है।
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दर्जनभर से अधिक चोरियां
- कुंडा, आइटीआइ व काशीपुर क्षेत्र में चोरियों का हिसाब लगाएं तो दर्जनभर से अधिक बड़ी चोरियां हुई हैं। जिसमें चोरों ने दिनदहाड़े ही बंद घरों को निशाना बनाया और माल समेट ले गए।