पेपर मिलों के खिलाफ कार्रवाई करे प्रशासन
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुछ दिन पूर्व दो लड़कियों की मौत, दो दर्जन बालिकाओं का स्वास्थ्य खराब होन
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुछ दिन पूर्व दो लड़कियों की मौत, दो दर्जन बालिकाओं का स्वास्थ्य खराब होने और गांव के हैंडपंपों का पानी दूषित होने के मामले में बुधवार को कुंडा क्षेत्र के शिवराजपुर पट्टी गांव में ग्राम पंचायत की खुली बैठक हुई। पंचायत में कहा गया कि गांव के हैंडपंपों का पानी क्षेत्र की फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी से ही हुआ है। फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी जमीन के अंदर बोरिंग से छोड़ा जा रहा है। उसी प्रदूषित पानी से भूमिगत जल में जहर घुल रहा है। ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मिति से क्षेत्र की फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पास किया। इसमें कहा गया कि प्रशासन प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
शिवराजपुर पट्टी गांव में बुधवार की दोपहर 11 बजे से खुली बैठक ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान समेत ग्रामीणों की मौजूदगी में शुरू हुई। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के हैंडपंपों समेत घरेलू नलों का पानी जांच में दूषित सिद्ध हो चुका है। ग्रामीण इसी को पीने के लिए मजबूर हैं। विधायक निधि से एक हैंडपंप लगाया जा रहा है, जिससे सारे गांव को पानी नहीं मिल सकेगा।
खुली बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में कई पेपर मिलें हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती से मिल प्रबंधन ने केमिकल युक्त पानी नदी, नाले व नहरों में छोड़ना बंद कर दिया है। मगर इसे अब फैक्ट्री के अंदर बोर कराकर छोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि शिवराजपुर पट्टी गांव के हैंडपंपों का पानी दूषित हुआ है। बैठक में सर्वसम्मति से फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग का प्रस्ताव पास किया गया।
बैठक में शौचालय, इंदिरा आवास, नाली खडं़जा, मनरेगा के कार्य, हैंडपंप लगाने संबंधी प्रस्ताव भी पास किए गए। तय हुआ कि प्रस्तावों की कॉपी एसडीएम, डीएम को भेजी जाएगी। खुली बैठक में ग्राम प्रधान मुकेश कुमार, ग्राम पंचायत अधिकारी मो.अफाक, ग्राम विकास अधिकारी सचिन राणा, राम अवतार, अरुण कुमार, राजाराम, राजेंद्र, कमल कुमार, खूब सिंह, जगत सिंह, नन्हें सिंह, फूल सिंह, सुभाष, दयाल सिंह आदि ग्रामीण उपस्थित थे।
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इसलिए ग्रामीणों ने की खुली बैठक
- 19 और 22 मई को पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी से शिवराजपुर पट्टी गांव में बेबी व प्रियंका की मौत हो गई थी। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। दो दर्जन महिलाएं व लड़कियां बीमार हुई। प्रशासन व जल निगम ने पानी की जांच कराई तो वह दूषित निकला। एक हैंडपंप को तुरंत बंद कर दिया था। पानी में खतरनाक वायरस थे, जिसकी वजह से पेट में इन्फेक्शन हुआ और दोनों लड़कियों की मौत हुई। दूषित पानी की यह स्थिति गांव में अभी भी बरकरार है।