टेंपो पलटे, एक की मौत कई घायल
पंतनगर : ऊधमसिंहनगर जिला अब हादसों वाला जिला बन गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा हो जो दुर्घटना न हो। मंग
पंतनगर : ऊधमसिंहनगर जिला अब हादसों वाला जिला बन गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा हो जो दुर्घटना न हो। मंगलवार भी तमाम लोगों के लिए अमंगल साबित हुआ। अलग-अलग स्थानों पर दो टेंपो पलटने से जहां एक यात्री की मौत हो गई तो सात लोग घायल हो गए। मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं घायलों को डॉ.सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया है।
मंगलवार सुबह तकरीबन साढ़े पाच बजे टेंपो संख्या यूके 06 टी, ए 2412 रूद्रपुर से पंतनगर आ रहा था। उसकी पिछली सीट पर विवि का एक छात्र व एक छात्रा बैठे थे। टेंपो विवि के फूलबाग बैरियर गेट से अंदर आया तो हाट लगने वाले स्थान के पास सड़क पर बंदर को बचाने के चक्कर में असंतुलित हो गया और पहे मेन होल के ढक्कन से टकराया, फिर पलट गया। तेज गति के कारण टेंपो का चालक खेड़ा कॉलोनी रूद्रपुर निवासी पूरन पासवान टेंपो से उछल कर बाहर गिरा। उसका सिर नीचे पड़े ईंट व पत्थरों से टकरा गया। गंभीर रूप से घायल होने पर आसपास के लोग उसे विवि के चिकित्सालय ले गए, जहा चिकित्सक डॉ. दुर्गेश यादव ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पूरन पासवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर भेज दिया। मृतक पूरन पासवान (50) के पत्नी व दस बच्चे हैं। हादसे में पिछली सीट पर बैठे विवि के छात्र व छात्रा बाल-बाल बच गए।
अभी टेंपो चालक पूरन पासवान की मौत का कोहराम विवि चिकित्यालय में मचा हुआ ही था कि दूसरे टेंपो के पलटने और उसमें सात लोगों के घायल होने की सूचना आ गई। टेंपो सख्या यूए 04 ई 8973 लालकुआं से रूद्रपुर की ओर आ रहा था। संजय कालोनी के मोड़ पर टेंपो तेज गति के चलते अनियंत्रित होकर पलट गया। टेंपो में 8 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकाश सिडकुल के कारखानों में ड्यूटी करने जा रहे थे। हादसे में सात लोग घायल हो गए। आसपास के लोगों ने उन्हें जैसे-तैसे टेंपो से निकाला और दूसरे वाहनों से विवि चिकित्सालय पहुंचाया। घायलों में रामनगर निवासी एवं सिडकुल की टाइटन कंपनी में सेवारत प्रियंका तिवारी, हल्दूचौड़ निवासी एवं सिडकुल की एन-10 कंपनी में सेवारत हिमाशु व बिमला तथा बिंदुखत्ता निवासी पान सिंह, जानकी देवी, हेमा देवी व प्रकाश मलकानी घायल हो गए। इनमें से पाच यात्रियों का अधिक चोटें आईं। सभी घायलों को विवि चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक डॉ. दुर्गेश यादव ने विवि चिकित्सालय की दो एंबुलेंस से सुशीला तिवारी चिकित्सालय हल्द्वानी भेज दिया।
बंदर को बचाने में गई जान
परिसर के आस-पास बंदरों के उत्पात ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। वे घरों के अलावा सड़कों पर भी भारी संख्या में दौड़ते नजर आते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बुधवार को सुबह-सवेरे परिसर के हाट स्थल के पास बंदर को बचाने के प्रयास में टेंपो पलट गया। बंदर तो बच गया लेकिन एक व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो बैठा।
बाबुल, अब कौन करेगा डोली में विदा
टेंपो पलटने के पहले हादसे में मृतक चालक पूरन पासवान की 8 बड़ी बेटिया व 2 छोटे बेटे हैं। इनमें से पाच बेटियों का विवाह हो चुका है। तीन बेटियों का विवाह होना बाकी है, पिता के अचानक चले जाने पर तीन बेटियों ज्योति, काजल व शालू का रो-रोकर बुरा हाल है। मा भी सदमे में डूबी है। मृतक पूरे परिवार का पेट पालने का अकेला सहारा था। दुख में डूबी बेटिया मानो पूछ रही हों, पापा तुम चले गए, अब हमें कौन डोली में बैठाकर विदा करेगा..।
25यूडीएनपी51-- पहले हादसे में पलटा टेंपो
25यूडीएनपी52-- पहले हादसे में मृतक पूरन पासवान का शव
25यूडीएनपी53-- दूसरे हादसे में क्षतिग्रस्त टेंपो
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25यूडीएनपी58-दूसरे हादसे में घायल यात्री
25यूडीएनपी59-मृतक चालक के रोते बिलखते परिजन
25यूडीएनपी60-पिता के चले जाने के दुख में डूबी पुत्री ज्योति