खटीमा क्षेत्र में जलप्रलय
खटीमा : पहाड़ पर हुई बारिश ने तराई में कहर ही बरपा दिया। पानी के ओवरफ्लो के चलते शारदा नहर की सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई। उसके बाद मची जलप्रलय में लोहियाहेड पावर हाऊस की जहां सारी मशीनें ढह गईं, वहीं खटीमा से लेकर टनकपुर तक की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई। चार गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए, सड़कें खाइयों में तब्दील हो गईं। पानी इतना तेज था कि बहाव में पावर हाऊस कर्मचारी बह गया, जिसकी मौत हो गई। एक स्कूली बस समेत चार बाइकें जमींदोज हो गयी हैं। 17 मकान धराशाई हो गए। लोगों ने जैसे-तैसे छतों पर चढ़कर जान बचाई। रविवार तड़के हुई इस अप्रत्याशित घटना से हड़कंप मच गया। इधर, जिलाधिकारी समेत सरकारी अमला मौके पर ही डेरा डाले हुए हैं।
लोहियाहेड पावर हाऊस को पानी उपलब्ध कराने वाली शारदा पोषक नहर शनिवार की रात सिल्ट अधिक जमा हो जाने की वजह से ओवरफ्लो हो गई। जिसके बाद नहर का पानी 60 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार को तोड़ता हुआ पावर हाऊस में घुस गया। देखते ही देखते इस जल प्रलय ने पावर हाऊस के आस-पास के क्षेत्रों में जबरदस्त कटाव करते हुए तबाही मचा दी। पावर हाऊस के डीजीएम का मकान भी इसकी चपेट में आ गया। नजारा देख डीजीएम की पत्नी बेहोश हो गईं। जब तक अधिकारी व कालोनीवासी कुछ समझ पाते तब तक पानी लोहियाहेड पावर हाऊस समेत नगरा तराई, चौड़ापानी, कालापुल गांव को अपने आगोश ले चुका था। बचाव-बचाव की आवाजें चीख-पुकार के साथ चारों ओर से आने लगी। जान बचाने के लिए लोग छतों पर चढ़ गए। इसी बीच पावर हाऊस कर्मी सादी राम पानी में बह गया। जिससे उनकी मौत हो गयी। तीन घंटे तक पानी के तांडव से 17 मकान ढह गए। कालोनी के 75 मकान पूरी तरह जलमग्न हैं। वहीं पावर हाऊस में पानी घुसते ही टरबाइनों में सिल्ट आ गयी। करीब 15 फुट सिल्ट अकेले प्रोडक्शन हाऊस में ही जमा हो गई। इंसुलेटर इस जलप्रलय में नहीं बचे। पावर हाऊस का सारा सिस्टम देखते ही देखते छिन्न-भिन्न हो गया। पावर हाऊस के डीजीएम एके सिंह ने बताया कि रात दो बजे पोषक नहर अचानक ओवरफ्लो हो गयी। जिसके लिए तत्काल सिंचाई विभाग के अधिकारियों को एसएमएस से नहर बंद करने का संदेश दिया गया। लेकिन दो घंटे तक नहर बंद नहीं की गयी। जिसकी वजह से पानी के प्रवाह ने सुरक्षा दीवार तोड़ दी और पानी पावर हाऊस में घुस गया। जिसके बाद सारा सिस्टम डैमेज हो गया। सूचना पर विधायक पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंच गए। जिलाधिकारी डा.पंकज पांडेय भी प्रशासनिक अमले के साथ सुबह से डट गए।
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