स्वरोजगार शुरू कर अन्य को भी रोजगार की राह दिखा रही ये महिला
टिहरी जिले के चंबा प्रखंड की रानीचौरी निवासी सुषमा बहुगुणा ने धूपबत्ती बनाने का कारोबार शुरू कर खुद की अलग पहचान बनाई। साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ा।
By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 02:15 AM (IST)
चंबा, [रघुभाई जड़धारी]: आज जब रोजगार के लिए पलायन लोगों की नियति बन चुका है, तब रानीचौरी की एक युवती न सिर्फ स्वरोजगार के क्षेत्र में प्रतिमान गढ़ रही है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार की राह दिखाकर उनकी प्रेरणा बनी हुई है। धूपबत्ती बनाने का कारोबार शुरू कर खुद की अलग पहचान कायम करने वाली इस युवती के साथ आज दो दर्जन से अधिक महिलाएं परिवार की आर्थिकी संवार रही हैं।
टिहरी जिले के चंबा प्रखंड की रानीचौरी निवासी 33 वर्षीय सुषमा बहुगुणा ने एमए-बीएड करने के बाद नौकरी के पीछे दौड़ने के बजाय अपना ही उद्यम लगाने की ठानी। पति बेरोजगार थे, इसलिए सुषमा ने तय किया कि किसी ऐसे काम में हाथ डाला जाए, जिससे परिवार की आर्थिकी तो मजबूत हो ही, दूसरी महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकें।
डेढ़ वर्ष पूर्व उसने खुद धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण लिया और फिर महिलाओं का समूह गठित कर रानीचौरी में 'आराधना धूप' के नाम से लघु उद्योग की शुरुआत की। इसके साथ ही उसने आसपास के गांवों की महिलाओं को भी धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया।
इस काम में पति ने भी उसका साथ दिया और आज यह दंपती तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। बकौल सुषमा, 'उत्पाद सही होना चाहिए, फिर बाजार की ङ्क्षचता नहीं सताती। धूपबत्ती बनाने के काम में बड़े उपकरणों की भी जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही महिलाएं इस काम को आसानी से कर लेती हैं।'
महीने में 40 हजार का मुनाफा
सुषमा आज अपने केंद्र में प्रतिमाह 5000 के आसपास धूपबत्ती के बॉक्स तैयार करती है। इन्हें बेचने में भी उसे कोई परेशानी नहीं होती। जिले में ही सारे उत्पाद बिक जाते हैं। वर्तमान में दो दर्जन से अधिक महिलाएं सुषमा के साथ फुलटाइम काम कर सात से 10 हजार रुपये महीना कमा रही हैं।
सुषमा स्वयं भी 30 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह कमा लेती है। इससे वह अपनी बेटी व बेटे को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही है। उसका लक्ष्य अब धूपबत्ती के अलावा अगरबत्ती व हवन सामग्री जैसे उत्पाद तैयार करना भी है। ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार मिल सके।
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