ग्रामीणों का आमरण अनशन
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: क्षेत्र की लंबित समस्याओं का निराकरण न होने से गुस्साए जाखणीधार प्रखंड मंद
संवाद सहयोगी, नई टिहरी:
क्षेत्र की लंबित समस्याओं का निराकरण न होने से गुस्साए जाखणीधार प्रखंड मंदार क्षेत्र के ग्रामीण कलक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठ गए। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर ग्रामीणों से बात कराई। अधिकारियों ने ग्रामीणों को दो सप्ताह के भीतर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इस पर ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित कर दिया।
गुरूवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मंदार क्षेत्र के ग्रामीण जिला पंचायत सदस्य परमवीर पंवार के नेतृत्व में कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे और नारेबाजी कर आमरण अनशन पर बैठ गए। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्र में सड़कों की स्थिति खस्ताहल है। सैंण-मंदार मोटर मार्ग की विभाग द्वारा सुध नहीं ली जा रही है जबकि इस मार्ग पर पूर्व में भी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। मार्ग पर दो-दो फीट गड्ढे पड़े हुए हैं, जिससे मार्ग जोखिम भरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि ढुंग मंदार क्षेत्र में पांच एएनएम सेंटरों में मात्र एक सेंटर में ही एएनएम नियुक्त है, जिससे लोगों को बच्चों के टीकाकरण को पिलखी और नंदगांव जाना पड़ता है। राइंका समेंडीधार में शिक्षकों का लंबे समय से टोटा बना हुआ है लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही। ग्राम सभा कस्तल का भूगर्भीय सर्वेक्षण होने के बाद भी मामला जस का तस है।
इसी से नाराज ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। उन्होंने समस्याओं के निस्तारण की मांग को लेकर आमरण अनशन भी शुरू कर दिया। डीएम युगल किशोर पंत ने लोनिवि, स्वास्थ्य विभाग और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर ग्रामीणों की वार्ता करवाई। वार्ता में सहमति बनी कि पीएमजीएसवाई खस्ताहाल सड़क का शीघ्र मरम्मत करेगा वहीं सीएमओ अर्जुन सिंह सेंगर ने क्षेत्र में दो एएनएम तैनात करने का आश्वासन दिया। आपदा से प्रभावित गांव कस्तल का मनरेगा से ट्रीटमेंट करने की बात कही गई। डीएम ने कहा कि वह दो सप्ताह में इसकी समीक्षा भी करेंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने अपना आमरण अनशन स्थगित कर दिया। आमरण अनशन पर बैठने वालों में जिपं सदस्य परमवीर पंवार, कनिष्ठ प्रमुख ममता गुनसोला, क्षेपं सदस्य सुधीर चौहान, कुशाल सिंह रावत, कृपाल सिंह, रणवीर गुनसोला, त्रिलोक गुनसोला, सुरेश पंवार, भगवती लसियाल, गोपेश्वर लसियाल, सीताराम, सुरेश पंवार, विजयपाल आदि शामिल थे।
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