लाखीराम की सूझबूझ ने बचाई सैंकड़ों जिंदगिंया
टिहरी के घनसाली में कोठियाड़ा में बादल फटने से हुई तबाही में जन हानि होने की संभावना थी, लेकिन स्थानीय निवासी लाखीराम की सूझबूझ से समय रहते ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए।
नई टिहरी। बीते रोज मौसम ने पहाड़ों में तबाही मचाई थी। कुदरत का कहर कोठियाड़ा गांव में सिर्फ मकानों और मवेशियों पर बरपा, लेकिन अगर गांव के ही लाखीराम जोशी सूझबूझ न दिखाते तो गांव में जनहानि भी हो सकती थी।
अपराह्न साढ़े तीन बजे तक गांव के दोगदा गदेरे में अचानक लाखीराम ने पानी बढ़ता देखा तो उन्हें खतरे का आभास हो गया। जिसके बाद लाखीराम ने गांव में जाकर सभी को गांव खाली करने के लिए कहा। जिसके बाद गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर गए और बच गए।
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कोठियाड़ा गांव के लिए बीता दिन खौफनाक रहा, लेकिन शुक्र इस बात का है कि गांव में कोई जनहानि नहीं हुई। ऐसा संभव हो सका तो सिर्फ गांव के 50 वर्षीय लाखीराम जोशी की सूझबूझ़ के कारण। साढ़े तीन बजे दोपहर ग्रामीणों खेतों से लौटकर अपने घरों में आराम कर रहे थे। इसी बीच जोरदार बारिश शुरू हो गई। बारिश होते ही अचानक लाखीराम गांव के ऊपर से आ रहे सूखे गदेरे की तरफ चले गए जो वहां उन्होंने अचानक पानी बढ़ता देखा। तो वह खतरे को भांप गए।
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लाखीराम ने बताया कि इस गदेरे में पानी नहीं आता है। ऐसे में जब उन्होंने वहां ज्यादा पानी आते देखा तो उन्हें लगा कि अब शायद कुछ अनहोनी होने वाली है। लाखीराम गांव की तरफ आए और शोर मचाकर सभी को गांव छोडऩे के लिए कहा। जिसके बाद गांव वाले गांव से सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े।
इस बीच गांव के मुकुंद राम ने भी दिलेरी दिखाते हुए कुछ मवेशियों की रस्सी काटी जिससे मवेशी भी सुरक्षित स्थान की तरफ भाग गए। उसके बाद गांव खाली होते ही गदेरे में पानी के साथ जोरदार मलबा आया और मकानों को अपनी चपेट में ले लिया।