सेमल एक फायदे अनेक
चम्बा, जागरण कार्यालय: प्रकृति में मनुष्य के उपयोग की अनेकों चीजें हैं इनका उपयोग वह सदियों से करता आ रहा है। सेमल भी उन पेड़-पौधों मे से एक है, लेकिन इसके लाभ अनेक है। जंगलों व गांवों के आस-पास कुदरती रूप से उगने वाले सेमल लोगों की आय का जरिया भी बनने लगा है।
सेमल पांच सौ मीटर की ऊंचाई से लेकर पन्द्रह सौ मीटर की ऊंचाई तक होता है। इसका पेड़ काफी बड़ा होता है। अप्रैल माह में इस पर फूल निकलते है। इनका उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। फूल निकलने के बाद जो इस पर जो फल लगता है वह केले के आकार का होता है इसका उपयोग कच्चा व सूखाकर सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फूलों की बाजार में भारी मांग है। फल के पकने पर जो बीज निकलते हैं उन बीजों से रूई निकलती है जो मुलायम व सफेद होती है। इस रू ई का प्रयोग कई कामों में किया जाता है। खास बात यह है कि सेमल का उपयोग लोग पहले तो करते थे लेकिन उस समय इसे व्यावसायिक रूप में प्रयोग नहीं किया जाता था। सेमल से कुछ समय के लिए लोगों को रोजगार भी मिल जाता है। इसके फूल बाजार में 15 से 20 रूपये किलों तक बिक जाते है। इसके अलावा फल भी 10 से 15 रुपये किलों बिकते है। बीज तो 50 से 70 रुपये किलों तक बिकते है।
नागणी के काश्तकार रतन सिंह और कोटी के दिनेश लाल तो सेमल से एक सीजन में तीस से चालीस हजार रूपया तक कमा लेते है। उनका कहना है कि सेमल केवल सब्जी तक सीमित नही है उसका औषधीय उपयोग भी है, जिस कारण इसकी बड़े बाजारों में भारी मांग है।
सेमल को लेकर उद्यान निरीक्षक डीएस नेगी का कहना है कि वह बहुत उपयोगी है,जिस पर लोगों केा कोई मेहनत नही करनी पड़ती और मुनाफा भी शुद्ध है।
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