लोकगीतों पर थिरके दर्शक
संवाद सहयोगी, चम्बा : शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या लोकगायक किशन महिपाल और
संवाद सहयोगी, चम्बा : शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या लोकगायक किशन महिपाल और संगीता ढौंडियाल के नाम रही। इस मौके पर उनकी शानदार प्रस्तुति पर दर्शक जमकर झूमे।
राजकीय इंटर कॉलेज चम्बा में चल रहे शहीद वीसी गबर सिंह मेले में मंगलवार देर शाम की सांस्कृतिक संध्या संस्कृति विभाग की टीम के प्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल, संगीता ढौंडियाल और साथियों के नाम रही। इस मौके पर किशन महिपाल ने 'घुर-घुरांदी घुघती, पांगर का डाला घुघती' गीत प्रस्तुत कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इसके अलावा उन्होंने 'स्याली भपाली, हो भाना रंगीली भाना', 'लैया फुली पंया, सेमान्या भौजी' आदि गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को खूब झुमाया। वहीं दूसरी ओर संगीता ढौंडियाल ने 'हंयूद का मैना फिर बौड़ी एै गेना', 'मोहन-मोहन, अगलाड़ की माक्षी' आदि गीत प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम देर शाम तक चला। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रतन सिंह गुनसोला, ब्लॉक प्रमुख आनन्दी नेगी, मेला समिति के अध्यक्ष इन्द्र सिंह नेगी, प्रधान महावीर सिंह नेगी, राड्स अध्यक्ष सुशील बहुगुणा, कवि एसएल सकलानी, बलवंत सिंह पुंडीर, सभासद शक्ति जोशी, शिवप्रसाद उनियाल, एसएस तोपवाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय बहुगुणा आदि मौजूद थे।
मेले संस्कृति के संवाहक : धनै
बुधवार को मेले के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि पर्यटन व संस्कृति मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति व परंपरा के संवाहक होते हैं। इससे आपसी प्रेम व भाइचारे को बढ़ावा मिलता है। इसलिए मेले सतत होते रहें इसके लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीसी गबर सिंह फौज के नायक हैं और उनकी शहादत से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके नाम से लगने वाला यह मेला ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि एक साथ सभी मेलों को सरकारी मेला घोषित करना व उन्हें सहायता प्रदान करना संभव नहीं है। लेकिन, वीसी गबर सिंह मेले को अगले वर्ष से आर्थिक सहयोग जरूर प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने मेले की स्मारिका प्रथम विश्वयुद्ध के नायक वीसी गबर सिंह नेगी का लोकार्पण भी किया।
छात्रों ने दी प्रस्तुति
वीसी गबर सिंह मेले के दूसरे दिन सरस्वती विद्या मंदिर, श्रीदेव सुमन इंटर कॉलेज, राबाइंका, कार्मल स्कूल, ज्ञानदीप अकेडमी आदि आधा दर्जन से अधिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत किए। इस मौके पर विभिन्न विभागों की ओर से लगाए गए स्टॉलों पर ग्रामीणों ने योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान आदि विभागों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की।