पहला पुल अधूरा, दूसरे की तैयारी
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी झील के ऊपर बन रहा डोबरा चांटी पुल नौ साल बाद भी बन नहीं सका है। लेक
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी झील के ऊपर बन रहा डोबरा चांटी पुल नौ साल बाद भी बन नहीं सका है। लेकिन सरकार झील के ऊपर दूसरा पैदल पुल बनाने की तैयारी में है। कोटी से तिवाड़ गांव के बीच बनने वाले 500 मीटर लंबे पुल के लिए कसरत शुरु हो गई है। फरवरी के पहले सप्ताह में पुल की प्री - फिजिबिलीटी (पुल निर्माण की संभावनाएं) के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
टिहरी बांध झील के चलते प्रतापनगर ब्लॉक जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। सरकार ने प्रतापनगर ब्लॉक को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए डोबरा चांटी पुल का निर्माण शुरु किया था। लेकिन वर्ष 2006 से शुरु हुआ पुल निर्माण अभी अधर में लटका है। देश के इंजीनियरों के हाथ खड़े करने के बाद सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय निविदा जारी की और उसके बाद अब कोरिया की कंपनी डोबरा पुल के निर्माण के लिए डिजाइनिंग कर रही है। वहीं सरकार ने कोटी-तिवाड़ गांव के बीच पैदल पुल बनाने की कसरत भी शुरु कर दी है। वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री ने इस पुल की घोषणा की थी, जिसके बाद अब लोनिवि निर्माण खंड ने पुल के निर्माण के लिए फरवरी के पहले सप्ताह में टेंडर जारी करने की तैयारी की है। यहां पर 500 मीटर लंबा और छह फीट चौड़ा पैदल पुल बनाना प्रस्तावित है। तीस लाख रुपये की लागत से पुल की प्री-फिजिबिलीटी प्रक्रिया टेंडर जारी होने के बाद शुरु की जाएगी। इस दौरान यहां पर जमीन का सर्वे और झील के जलस्तर का परीक्षण किया जाएगा।
पुल पर है संशय
टिहरी बांध की विशाल झील पर पैदल पुल बनाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। झील के ऊपर हवा के तेज बहाव के कारण पैदल पुल बनाने में खाशी मशक्कत करनी पड़ेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक पैदल पुल तेज हवा में अपने आप पलट जाते हैं। ऐसे में लोनिवि पुल बनाने से पहले यहां पर तमाम सर्वे कराएगा।
कोटी-तिवाड़ गांव के बीच पैदल पुल बनाने के लिए प्री-फिजिबिलीटी प्रक्रिया के तहत फरवरी के पहले सप्ताह में टेंडर जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री घोषणा में यह पुल प्रस्तावित है।
केएस असवाल, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, निर्माण खंड टिहरी गढ़वाल