संगोष्ठी सुझावों के आधार पर नीति बनाए सरकार
संवाद सहयोगी, चम्बा: स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाहीथौल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हो गई
संवाद सहयोगी, चम्बा: स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाहीथौल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हो गई। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने कहा कि संगोष्ठी से जो भी निष्कर्ष निकले हैं उन पर सरकार को विचार कर नई नीतियां बनाने में इनका उपयोग करना चाहिए।
गुरुवार को एसआरटीपरिसर बादशाहीथौल में संगोष्ठी का समापन हो गया। इस मौके पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के डॉ. सूर्यप्रकाश ने भूगर्भीय आपदा की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भूस्खलन, भूकंप एवं बाढ़ मुख्य भूगर्भीय घटनाएं है। उन्होंने कहा कि हमें आपदा से अपितु आपदा के कारकों से लड़ना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पहाड़ी ढालों को तीव्र न बनाया जाए और जल निकाली की उचित व्यवस्था हो। इस मौके पर कहा गया कि जलवायु परिवर्तन एवं मानसून की दिशा उसके कारणों का पता लगाया जाए और क्षेत्र विशेष में निर्माण के लिए नीति बनाई जाए और इसमें आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए। इस मौके पर परिसर निदेशक डॉ. आरसी रमोला ने कहा कि सेमिनार से जो भी निष्कर्ष निकले उन पर क्रियान्वयन होना चाहिए और सरकार को नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को ऐसे सेमिनारों में अधिक से अधिक भागीदारी करनी चाहिए। इस मौके पर प्रो.डीएस कैंतुरा, डॉ. डीके शर्मा, बीएस बिष्ट, डॉ. सुमन बिष्ट, एनके अग्रवाल, डॉ.जेके श्राफ ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। संगोष्ठी में डॉ.किरण शर्मा, डॉ.सपना सेमवाल, डॉ.एएस बौड़ाई, प्रो. डीएस कैंतुरा, डॉ.एनपी नैथाणी, डॉ.डीएस बागड़ी, डॉ.अर्चना शाह, डॉ. केसी पेटवाल राकेश कोठारी, विकास बेलवाल आदि मौजूद थे।