प्रकृति के नजारे, कब तक पुकारें
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: पहाड़ों पर प्रकृति ने अपनी सुंदरता का अपार खजाना लुटाया है। खूबसूरत नजारे पर्
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: पहाड़ों पर प्रकृति ने अपनी सुंदरता का अपार खजाना लुटाया है। खूबसूरत नजारे पर्यटकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पर्यटन मंत्रालय की सुस्ती इसके विकास में आड़ आ रही है। पर्यटन मंत्रालय सुस्ती छोड़े तो भिलंगना प्रखंड में अकेला महासरताल ही देशी-विदेशी पर्यटकों की आमद से गुलजार हो सकता है। पर्यटन मंत्री के गृह जनपद में इस पर्यटन स्थल की उपेक्षा सरकारी दावों की कलई खोल रही है। इससे यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि पर्यटन मंत्रालय पर्यटन विकास के लिए कितना सजग है।
प्रकृति की अनुपम कृति का अहसास कराते महासरताल तक पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से बूढ़ाकेदार तक बस सेवा है। बूढ़ाकेदार से करीब 9 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर इस स्थल तक पहुंचा जा सकता है। चारों ओर घने बांज के जंगल और दूर तक फैले हरा-भरा मैदान के बीच यह प्राकृतिक ताल आकर्षण का केंद्र है। महासरताल में दो ताल हैं। यहां पर पहुंचकर पर्यटक सुकून का अहसास करता है। तमाम खूबियां समेटे यह पर्यटन स्थल उपेक्षित पड़ा है। यदि इस स्थल को विकसित किया जाता तो यह प्रदेश के लिए भी यह राजस्व का अच्छा-खास स्रोत बन सकता था।
इस स्थल को पहचान दिलाने के लिए कुछ साल पूर्व बूढ़ाकेदार सहित आस-पास के गांव के ग्रामीणों ने यात्रा भी शुरू की थी। लेकिन पर्यटन मंत्री की उपेक्षा के कारण यह कोशिशें रंग नहीं ला पाई। इस स्थल तक पहुंचने के लिए पैदल रास्ता तक ठीक नहीं है। मार्ग के बीच में पर्यटकों के लिए आराम की भी सुविधा नहीं है। ना ही इस स्थल पर ठहरने की व्यवस्था है। सरकार पर्यटक स्थलों को विकसित करने की बात करती है लेकिन जिले में पर्यटक स्थलों का खजाना होने के बावजूद यह सरकार की नजरों से दूर है। क्षेत्रीय निवासी सतीश रतूड़ी और हरि सिंह का कहना है कि यदि इस स्थल को विकसित किया जाता है इससे क्षेत्रीय लोगों को भी आमदनी होगी।
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- जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों का चिन्हीकरण किया जा रहा है। कुछ पर्यटक स्थलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया इन स्थलों को विकसित करने को योजना बनाई जा रही है।
दिनेश धनै
विधायक, टिहरी और पर्यटन मंत्री।
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