सौंग ने बदला रास्ता, प्रशासन बेखबर
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: आपदा के बाद प्रशासन राहत कार्य व नुकसान को लेकर कितना संजीदा इसकी बानगी जौनपुर ब्लॉक के सत्यौं क्षेत्र में देखने को मिल रही है। यहां पर सौंग नदी ने इस मानसून में आपदा के चलते अपना रुख लगभग 30 मीटर बदल दिया है। दूसरी ओर प्रशासन इस मामले से पूरी तरह बेपरवाह है।
जौनपुर ब्लॉक की धनोल्टी तहसील के सत्यौं क्षेत्र में इस बार 15 अगस्त के दिन हुई जोरदार बारिश ने जमकर तबाही मचाई। सुरकंडा देवी के सुरकुट पर्वत से निकलने वाली स्थानीय सौंग नदी ने विकराल रूप धारण किया और जमकर नुकसान किया। सड़क, पैदल रास्ते और कई मकान नदी में आए उफान से ध्वस्त हो गए थे। इस दौरान नदी ने अपना रास्ता ही बदल दिया और आबादी व खेतों की तरफ करीब 30 मीटर तक नदी खिसक गई। नदी के रास्ता बदलने के कारण अब इस क्षेत्र में भविष्य के लिए भी खतरा पैदा हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि नदी के रास्ता बदलने के कारण भविष्य में ज्यादा नुकसान हो सकता है। प्रशासन ने अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की है। स्थानीय निवासी और भाजपा जिला महामंत्री संजय नेगी का कहना है कि सौंग नदी ने अपना रास्ता 30 मीटर से ज्यादा बदल दिया है। इससे खेतों और आबादी वाले क्षेत्रों में खतरा हो गया है। प्रशासन को इस दिशा में सुरक्षा के लिए प्रयास करने चाहिए। लामकांडे गांव निवासी महेंद्र सिंह का कहना है कि आपदा ने ग्रामीणों का काफी नुकसान किया है।
सौंग नदी ने रास्ता बदला है। लेकिन अभी यह जानकारी नहीं आ पाई है कि नदी ने कितने मीटर रास्ता बदला है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
देवानंद शर्मा, एसडीएम धनोल्टी , टिहरी गढ़वाल
कई गांवों में नहीं मिली राहत
सत्यौं क्षेत्र के हटवाल गांव, लामकांडे, कुंड, रगड़ गांव, भुत्सी और सेरा गांव में अभी तक आपदा पीड़ितों को राहत नहीं मिल सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि पहुंच वाले लोगों को ही प्रशासन से राहत मिली है।