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आपदा के मारे, भगवान के सहारे

By Edited By: Published: Tue, 19 Aug 2014 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 19 Aug 2014 07:47 PM (IST)

संवाद सहयोगी, नई टिहरी: किरोड़ गांव के कमल सिंह का पैतृक घर बारिश की भेंट चढ़ गया तो उसने परिवार सहित नजदीक ही ससुराल में शरण ली। वहीं, धर्मेद्र सिंह व राजेंद्र गांव में ही दूसरों के घरों में रात बिता रहे हैं। सौड़ गांव के गोविंद सिंह का परिवार बारातघर में शरण लिए है तो बागी गांव के एक दर्जन परिवारों ने स्कूल को आशियाना बनाया है। कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अभी सक्षम अधिकारी भी नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में आपदा के मारे भगवान के सहारे ही हैं।

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पिछले दिनों बारिश ने जो तबाही मचाई। उससे चंबा के बागी, मठियाण गांव, धनोल्टीे के सत्यौं, नरेंद्रनगर के कुमारखेड़ा, देवप्रयाग प्रखंड की भरपुर पट्टी व भिलंगना पट्टी के 40 परिवार घर से बेदखल हो गए हैं। इन गांवों में प्रकृति ने विनाश की ऐसी लीला रची कि देखते ही देखते कई घर मलबे में दब गए। बागी में आपदा का जो मंजर था उससे ग्रामीणों का बच निकलना आश्चर्य करने वाला है। गनीमत यह रही कि यहां दिन में बादल फटा। यदि रात की बात होती तो भारी जन हानि होती। आपदा ने यहां गांव का भूगोल ही बदल दिया है। बागी में 10 परिवारों के घर उजड़ने से वह जूनियर हाईस्कूल में शरण लिए हैं। सामूहिक रसोई बन रही है। भोजन के लिए लोगों को लाइन लगानी पड़ रही है। रात को एक ही कमरे में बीस-बाइस लोग रह हे हैं। सुबह होते ही एक स्थान पर बैठकर अपने खेतों व उजड़े घरों को देखकर भावुक हो जाते हैं। गांव के विशालमणि व प्रेमदत्त स्कूल के आंगन में बैठकर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की राह ताक रहे हैं। चंबा के ही मठियाण गांव में दो तो देवप्रयाग की भरपुर पट्टी के किरोड़ व सौड़ गांव में आठ परिवारों के घर टूट गए। भिलंगना के जखन्याली में 12, महर गांव में एक, सकलाना पट्टी के सत्यौं में चार, नरेंद्रनगर के कुमारखेड़ा में तीन परिवारों के घर टूट गए हैं। शुरूआत में जनप्रतिनिधि व अधिकारी कुछ गांवों में गए, लेकिन कई जगहों पर जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे। दिनभर काम के आदी ग्रामीणों के खेत, खलिहान बहने से वह खाली बैठे हैं। बागी गांव के विशालमणि व वीरेंद्र का कहना है कि उन्हें जो राहत मिल रही है उससे घर बनाना मुश्किल है। उनके मकान, खेत बह गए हैं, उनके पास खाद्यान्न तक नहीं बचा। वहीं, किरोड़ गांव के धर्म व सौड़ के गोविंद सिंह भावुक होकर कहते हैं कि उनका सबकुछ बर्बाद हो गया। अपर जिलाधिकारी प्रवेश चंद्र डंडरियाल का कहना है कि आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता पहुंचाई गई है। खाद्यान्न के साथ ही टेंट व सहायता राशि प्रदान की जा रही है ताकि उन्हें परेशानियों का सामना न करना पड़े।


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