शहीद गबर सिंह को किया याद
संवाद सहयोगी, चम्बा: प्रथम विश्वयुद्ध के नायक बीसी गबर सिंह की जंयती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस मौके पर द्वितीय और पांचवीं गढ़वाल राइफल के जवानों ने शहीद के स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें याद किया। वहीं, दूसरी ओर विभिन्न गांवों से भारी संख्या में आए लोगों ने शहीद का गर्व से स्मरण किया।
शहीद बीसी गबर सिंह के जन्म दिन पर सबसे पहले शहीद के गांव मज्यूड़ के लोग ढोल-नगाड़ों के साथ चंबा चौराहे स्थित उनके स्मारक पर पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और पुष्प अर्पित कर शहीद का भावपूर्ण स्मरण किया। उसके बाद लैंसडौन से आए द्वितीय और पांचवीं गढ़वाल राइफल के जवानों ने बाजार में परेड निकालने के बाद शहीद स्मारक पहुंच कर कर्नल स्वर्ण कुमार गुलेरिया के नेतृत्व में पुष्पचक्र अर्पित किए। इस मौके पर सेना के जवानों ने बीसी गबर सिंह की शहादत से प्रेरणा लेकर देश के लिए मर मिटने का संकल्प लिया। कर्नल गुलेरिया ने कहा कि कुछ समय पर सेना की भर्ती का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर भारी संख्या में आए पूर्व सैनिकों ने शहीद को याद किया। प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी युगल कि शोर पंत ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। उन्होंने कहा कि शहीद बीसी मेले का विस्तार कर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। विदित हो कि चम्बा-प्रखंड चम्बा के मंज्यूड़ गांव में 21 अप्रैल 1895 में जन्में द्वितीय गढ़वाल राइफल के सैनिक बीसी गबर सिंह ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 12 मार्च 1915 को ब्रिटिश सेना की ओर से लड़ते हुए जर्मन सेना को परास्त कर दिया था। इस युद्ध में उन्होंने अकेले ही दर्जनों दुश्मनों को मारकर जर्मन सेना के 350 सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया था। इस युद्ध में वे वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इसके लिए उन्हें मरणोपरांत विक्टोरिया क्रास से सम्मानित किया गया। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष विक्रम सिंह पंवार, सूरज राणा, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष इन्द्र सिंह नेगी, पीरथ सिंह पुंडीर, एसएल सकलानी, भगवान सिंह कुंवर, आनन्द सिंह नेगी, दर्मियान सजवाण, कमल सिंह, शक्ति जोशी, राजेन्द्र प्रसाद, बलवंत सिंह, विनोद कुमार, सुमेर सिंह रावत आदि मौजूद थे।
रितलिंग परेड आकर्षण का केंद्र
चम्बा: बीसी गबर सिंह मेले में सैनिकों व पूर्व सैनिकों की रितलिंग परेड आकर्षण का केन्द्र रही। इस मौके पर पूर्व सैनिकों ने भी परेड में भाग लिया। वहीं, गढ़वाल राइफल के जवानों की परेड और बैगपाइपर बैंड की धुन ने समां बांधा। परेड को देखने के लिए सुबह से ही भारी भीड़ जुट गई थी। इस बार सैनिको ने बीसी स्मारक को बेहतर तरीके से सजाया और संवारा गया था। गत वर्ष की अपेक्षा सेना के जवान भी अधिक आए थे।