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ऊर्जा निगम ने दीपावली पर दिया जोर का झटका

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: इस बार की दीपावली पर ऊर्जा निगम ने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं क

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 01:00 AM (IST)
ऊर्जा निगम ने दीपावली पर दिया जोर का झटका

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: इस बार की दीपावली पर ऊर्जा निगम ने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को जोर का झटका धीरे से दिया है। निगम की लापरवाही के चलते बिना रीडिंग के भारी भरकम बिजली के बिल ग्रामीणों को थमा दिए है। इसमें पांच से सात सौ तक की रकम दर्शायी गई है। गांव के लोग बिल को लेकर दुविधा में है। जबकि इस कार्यप्रणाली से उनमें रोष भी पनपता जा रहा है।

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जनपद में ऊर्जा निगम की लचर कार्यप्रणाली पहले से ही उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बनी रहती है। अब निगम की एक और लापरवाही ने दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के उपभोक्ताओं की नींद उड़ा दी है। निगम ने गांवों में बिना मीटर रीडिंग के भारी भरकम बिल भेजकर इस दीपावली में जोर का झटका दिया है। लोगों को पांच सौ से सात सौ रुपए तक के भारी भरकम बिल थमा दिए हैं। गांवों में कभी बत्ती गुल तो कभी लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। इसमें पांच से सात सौ रुपए तक बिजली की खपत करना संभव नहीं लग रहा है। ऊर्जा निगम की ओर से एक अनुमान के आधार पर इन बिलों को भेजा गया है। जिन गांवों में बिजली बिलों का वितरण किया गया है वहां लंबे समय से मीटर रीडर नहीं है। इससे मीटर रीडिंग होना संभव भी नहीं है। ग्रामीणों को पहले से ही इस तरह के बिल भेजे जा रहे है, लेकिन जो इस बार भेजा गया है वह ग्रामीणों को कुछ हजम नहीं हो रहा है। ग्रामीण पहले से इन बिलों का भुगतान कर रहे हैं, शायद उन्हें इस बात का डर है कि यदि वे बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो कहीं निगम उनका संयोजन न काट दे। ग्रामीण दुविधा में है बिल का भुगतान करें न करें। ऊर्जा निगम की लापरवाही के प्रति ग्रामीणों में रोष है।

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इन क्षेत्रों में भेजे गए बिल

अमकोटी, पालाकुराली, उछना, गोर्ती, इजरा, उरोली, बजीरा, ममणी, कोटि, धान्यू, मरगांव, बुढना समेत अन्य गांव

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कैंपों में की जाती है खानापूर्ति

ऊर्जा निगम की ओर से विद्युत बिलों के भुगतान और खराब बिलों को ठीक करने के लिए कैंपों का आयोजन तो किया जाता है। लेकिन ये कैंप भी मात्र खानापूर्ति तक ही सिमट रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इन कैंपों में त्रुटिपूर्ण बिलों को ठीक किया जाता है, लेकिन अगले बिलों में फिर से वही राशि बकाया अंकित हो जाती है।

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'क्षेत्र में मीटर रीडर न होने से बिना रीडिंग के आधार पर बिलों को भेजा जा रहा है। ग्रामीणों को भारी भरकम बिल दिया जा रहा है। बीडीसी की बैठक में इस समस्या को उठाया गया है। लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।'

गुलाब सिंह राणा, निवासी पालाकुराली।

'जिस तरह के बिल आए हैं उतनी बिजली तो ग्रामीणों ने जलाई भी नहीं होगी। मजबूरन ग्रामीण थोपे गए बिजली के बिलों को भरने को मजबूर हैं।'

राजेश्वर देवी, प्रधान पालाकुराली।

'गरीब जनता पर मनचाहा बिल थोपा जा रहा है। इस कार्यप्रणाली के चलते ऊर्जा निगम अपनी खामियों को छिपा रहा है।'

सोहन सिंह, प्रधान उछना

'मामला मेरे संज्ञान में है। क्षेत्रों में मीटर रीडर की कमी को पूरा करने के लिए नियुक्तियां की जा रही है।'

अनूप सिंह, अधिशासी अभियंता ऊर्जा निगम रुद्रप्रयाग


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