केदारनाथ में मध्यप्रदेश के श्रद्धालुचढ़ाएगे त्रिशूल
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में आई आपदा मे मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए मध्य प्रदेश से आए शिव भक्त केदारनाथ मंदिर परिसर में त्रिशूल स्थापित करेंगे। इस त्रिशूल का उज्जैन के महाकाल मंदिर के समीप बहने वाली शिप्रा नदी में जलाभिषेक किया गया।
मध्यप्रदेश के उज्जैन से रतलाल के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल शुक्रवार की सुबह त्रिशूल के साथ रुद्रप्रयाग से केदारनाथ को रवाना हो गया। यदि मौसम ने साथ दिया तो यह दल शनिवार को केदारनाथ धाम पहुंच जाएगा और वहां मंदिर परिसर में त्रिशूल स्थापित करेगा। में इस विशेष आकृति के त्रिशूल पर तीन बार ऊं की आकृति, शेष नाग की आकृति के साथ शिव का डमरू भी बना है। डमरु पर महाकाल की मूर्ति बनी है। इस त्रिशूल का उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के समीप से बहने वाली शिप्रा नदी में जलाभिषेक करवाया गया है। केदारनाथ यात्रा के दौरान हरिद्वार के विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन के बाद यहां त्रिशूल पहुंचा है। इसके पश्चात इसे केदारनाथ मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसको स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए है। मध्य प्रदेश से इस विशेष त्रिशूल को लेकर आए शिव भक्तो में शामिल बलवीर सिंह पंवार का कहना है कि उन्होंने इस प्रकार के त्रिशूल उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी स्थापित किया है। उन्होंने 2004 में श्रावण मास की शाही सवारी के दौरान त्रिशूल मंदिर समिति को भेंट किया। वे इस त्रिशूल को बाबा अमरनाथ यात्रा पर भी ले गए थे। उन्होंने कहा कि वे 13 बार अमरनाथ की यात्रा कर चुके है, हर बार वे अपने साथ एक नया त्रिशूल ले कर जाते है। जिसे बाबा के चरणों में चढ़ाने के बाद किसी मंदिर को भेंट कर देते है। इस बार भी उन्होंने केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए केदारनाथ में एक त्रिशूल चढ़ाएंगे।