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बाबा के दर्शन को सब मंजूर

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 01:00 AM (IST)

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पश्चिम बंगाल के मृत्युंजय अपनी पत्‍‌नी के साथ यात्रा शुरू होने के इंतजार में पिछले 11 दिनों से सोनप्रयाग में ही डेरा डाल हुए थे। उनकी इच्छा बाबा के दर्शन कर ही लौटने की है। रविवार को यात्रा शुरू होने पर वह पहले जत्थे के साथ रवाना हो गए।

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यह कहानी सिर्फ मृत्युंजय की ही नहीं है बल्कि केदारनाथ के लिए रवाना हुए सभी 43 सदस्यों की भी है। अधिकांश यात्री पिछले कई दिनों से सोनप्रयाग व इसके आप-पास रह कर यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। आपदा के बाद से केदारनाथ यात्रा की डगर काफी कठिन हो गई है, लेकिन भक्तों के मन में भोले बाबा के प्रति श्रद्धा भक्ति देखकर कठिन परिस्थितियां भी रोड़ा नहीं बन रहे हैं। मौसम विभाग की सख्त चेतावनी व भारी बारिश के बाद भी शिवभक्त केदार बाबा के दर्शनों करने के लिए उत्साहित हैं। भक्तों के मन में बारिश का कोई खौफ नहीं है, और दर्शन कर ही घर लौटना चाहते हैं।

रविवार को कर्नाटक, हरियाणा, दिल्ली, देहरादून, पश्चिमी बंगाल, उत्तरप्रदेश आदि प्रदेशों से यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। दिल्ली द्वारिका के 59 वर्षीय सोहन शुक्ला पिछली 15 जुलाई से सोनप्रयाग के एक होटल में कमरा लेकर रह रहे थे। साथ में पत्‍‌नी व एक बच्चे भी हैं। केदारनाथ जाते समय वह काफी खुश थे, कहा कि उनकी इच्छा भगवान ने पूरी कर दी। अब वह बाबा के दर्शन कर लौटे सकेंगे। हरियाणा रोहतक से आए संदीप कालड़ा भी 20 जुलाई को सोनप्रयाग आ गए थे, लेकिन यात्रा पर रोक लगी होने से इससे आगे नहीं जा सके। संदीप ने वापस जाने के बजाय सीतापुर में कमरा लेकर यात्रा शुरू होने की इंतजारी की। सभी रविवार को पहले जत्थे के साथ रवाना हुए।


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