हवाई सेवा से केदारनाथ जाने वाले करते थे वीआइपी दर्शन, अब खड़ा होना होगा लाइन में
अब तक हवाई सेवा से केदारनाथ जाने वाले यात्री वीआइपी दर्शन करते रहे हैं, लेकिन अब उन्हें आम यात्रियों के साथ लाइन में ही खड़ा होना पड़ेगा।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ में वीआइपी दर्शन प्रोटोकॉल के दायरे में ही कराने संबंधी डीएम के निर्देश के बाद हवाई कंपनियों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। अब तक हवाई सेवा से केदारनाथ जाने वाले यात्री वीआइपी दर्शन करते रहे हैं, लेकिन अब उन्हें आम यात्रियों के साथ लाइन में ही खड़ा होना पड़ेगा।
डीएम रंजना ने केदारनाथ धाम में वीआइपी दर्शन की आड़ में गलत तरीके से दर्शन करने की शिकायत पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि धाम में वीआइपी दर्शन वही करेगा, जो प्रोटोकाल के अंतर्गत आता हो। आमतौर पर हवाई सेवा से आने वाले यात्री श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्यालय की तरफ वाले दरवाजे से मंदिर में दर्शनों के लिए जाते हैं। जबकि आम भक्तों को दर्शनों के लिए मुख्य द्वार पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। इससे कई बार तो यात्रियों व पुलिस के बीच झड़प तक हो जाती है।
इसी समस्या को देखते हुए डीएम ने यह निर्देश जारी किए। हालांकि, इससे हवाई सेवाओं से आने वाले यात्रियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। कारण, इन यात्रियों को लाइन में खड़ा न कर सीधे वीआइपी गेट से दर्शन कराये जाते हैं। इसकी एवज में प्रत्येक यात्री से हवाई कंपनी एक हजार रुपये लेती है। यह राशि मंदिर समिति के खाते में जाती है। लेकिन, डीएम के निर्देशों के बाद हवाई कंपनियों को यात्रियों के लिए घंटों रुकना पड़ेगा।
इससे कंपनियों का सिड्यूल गड़बड़ाना तय है। इसका असर उनकी कमाई पर भी पड़ेगा।
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित महेश बगवाड़ी कहते हैं कि हवाई सेवाओं से आने वाले यात्रियों को वीआइपी दर्शन कराना सरासर गलत है। डीएम के निर्देश से आम भक्तों को फायदा मिलेगा और वे समय से बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
केदारनाथ नगर पंचायत स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास पोस्ती ने भी इसे सराहनीय कदम बताया है। जबकि, ट्रांस भारत हवाई कंपनी के प्रबंधक बृजमोहन बिष्ट का कहना है कि हवाई सेवा से आने वाले यात्रियों को दर्शनों की सुविधा मिलनी चाहिए। अन्यथा इसका सेवाओं पर गंभीर असर पड़ेगा।
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