सिरोबगड़ बाईपास निर्माण पर ग्रहण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: श्रीनगर व रुद्रप्रयाग के बीच बदरीनाथ हाईवे पर स्लाइडिंग जोन सिरोबगड़ का स्
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: श्रीनगर व रुद्रप्रयाग के बीच बदरीनाथ हाईवे पर स्लाइडिंग जोन सिरोबगड़ का स्थाई समाधान के लिए केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से स्वीकृत सिरोबगड़ बाईपास योजना का कार्य वन विभाग व राजस्व विभाग की सुस्ती के कारण लटक गया है।
पाच दशक से सक्रिय स्लाइडिंग जोन से स्थाई समाधान के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सिरोबगड़ में बाईपास योजना को स्वीकृति दी थी, लगभग 500 करोड़ से अधिक की इस योजना पर नेशनल हाईवे लोनिवि शाखा रुद्रप्रयाग ने टेंडर भी जारी किए जा चुके हैं, साथ ही निर्माण एजेंसी से अनुबंध भी कर दिया था। बावजूद इस योजना पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है। कारण यह है कि इससे संबंधित राजस्व व वन भूमि अभी तक नेशनल हाईवे के नाम स्थानांतरित नहीं हो पाई है, इस कारण निर्माण ऐजेंसी ने अभी तक कार्य शुरू नहीं कर सकी है। यह योजना सिरोबगड़ से ठीक पांच सौ मीटर पहले श्रीनगर की ओर से अलकनंदा नदी पर पुल बनाकर जखोली विकास खंड के पपड़ासू गांव से होते हुए नौ गांव के पास अलकनंदा में दूसरा पुल लगाकर खांकरा गदेरे में तीसरा मोटर पुल लगाकर बदरीनाथ हाईवे पर मिलेगा।
इस योजना के निर्माण से चारधाम यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। बारिश होने पर सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन सक्रिय हो जाता है, और पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने से यहां पर वाहनों की आवाजाही करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यहां पर बाईपास योजना को स्वीकृत दी है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश सरकार ने डुंगरीपंथ-छातीखाल-खांकरा मोटर मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही सुचारू कर दी है, लेकिन यह मार्ग भी स्लाइडिंग जोन की ही पहाड़ी पर ठीक छातीखाल से ऊपर निर्मित होने से यह अस्थाई व्यवस्था है। जो कभी भी ध्वस्त हो सकती है।
सिरोबगड़ बाईपास के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं, अभी तक भूमि ट्रांसफर न होने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। भूमि स्थानांतरित होते ही कार्य शुरू हो जाएगा।
प्रवीन कुमार
अधिशासी अभियंता, एनएच लोनिवि शाखा रुद्रप्रयाग
हाईवे की भूमि एनएच लोनिवि को स्थानांतरण को लेकर कार्यवाही गतिमान है। कार्यवाही पूरी होने पर ही एनएच को भूमि ट्रांसफर की जाएगी।
तीर्थपाल ¨सह
अपर जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग