आपदा जोखिम मूल्यांकन के अध्ययन पर दिया जोर
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट अध्ययन के लिए फर्म
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट अध्ययन के लिए फर्म डीएचआइ ¨सगापुर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विश्व बैंक की ओर से आपदा जोखिम मूल्यांकन के अध्ययन पर जोर दिया गया।
जिला कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यशाला में बताया गया कि उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत विश्व बैंक की ओर से आपदा जोखिम मूल्यांकन का अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन के लिए फर्म की ओर से जनपद की वेबसाइट से आपदा संबंधी आंकड़े एकत्रित किए हैं। इनका जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व रेखीय विभागों की ओर से प्रमाणीकरण किया। टीम लीडर टाम वर्किट की ओर से द्वितीय आंकड़ों की सहायता से तैयार किए मानचित्र का प्रस्तुतिकरण किया गया। कहा कि जोखिम प्रबंधन के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता तथा सभी विभागों के बीच समन्वय होना चाहिए। टीम लीडर टाम ने बताया कि इस स्टडी से विभिन्न प्रकार का डाटा एकत्र कर एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा। तारकेश्वर की ओर से विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से रिस्क एसेसमेंट संबंधी विभिन्न जानकारियां एकत्र की। कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी ने जंगल की आग का सवाल भी उठाया। कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड का प्रत्येक जनपद को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए जंगल की आग से निपटने के लिए उसी प्रकार की रणनीति तैयार करनी होगी। जिस प्रकार अन्य आपदा के लिए की जाती है। इसके लिए सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर डॉ. पीडी माथुर, सीडीओ डीआर जोशी, एडीएम तीर्थपाल ¨सह समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।