Move to Jagran APP

डेढ़ लाख लिए, डेढ़ इंच भी काम नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा को तीन वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब भी बेघर हु

By Edited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 01:00 AM (IST)
डेढ़ लाख लिए, डेढ़ इंच भी काम नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा को तीन वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब भी बेघर हुए दो दर्जन परिवार अपने लिए आशियाने नहीं बना पाए। जबकि, सरकार की ओर से उन्हें पहली किस्त के रूप में डेढ़-डेढ़ लाख की राशि दी जा चुकी है। इस संबंध में जिलाधिकारी स्तर भी नोटिस भेजकर इन परिवारों से जवाब मांगा गया, लेकिन किसी ने भी अब तक उत्तर नहीं दिया। लिहाजा, जिला प्रशासन अब इनसे प्रथम किस्त की राशि वसूलने के मूड में है।

loksabha election banner

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा ने केदारघाटी में भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान अगस्त्यमुनि, चंद्रापुरी, गबनी गांव, सिल्ली आदि स्थानों पर सैकड़ों मकान मंदाकिनी नदी की भेंट चढ़ गए थे। सरकार ने अपने सर्वे में ऐसे 860 परिवार चिह्नित किए। इसके बाद इन परिवारों को आवासीय भवन बनाने के लिए पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की गई। जबकि, दो-दो लाख रुपये की अहैतुक (तात्कालिक) राशि पूर्व में दी जा चुकी थी।

आवासीय भवनों के लिए स्वीकृत पांच-पांच लाख की धनराशि में से प्रभावितों को प्रथम किस्त के रूप में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दिए गए। जबकि, दूसरी किस्त दो-दो लाख, तीसरी एक-एक लाख और अंतिम किस्त 50-50 हजार रुपये की रखी गई। इसमें से 784 बेघर परिवार अब तक भवन का निर्माण कर चुके हैं। जबकि, 23 परिवारों पर पेंच फंसा हुआ है। इन परिवारों ने अब तक भवन निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं किया, इसलिए इन्हें दूसरी किस्त नहीं दी जा सकी। जबकि, तहसील के बाद अब जिलाधिकारी कार्यालय से भी इन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जा चुका है। बता दें कि 860 परिवारों में से 53 परिवारों के भवन निर्माण का कार्य अंतिम दौर में है।

---------------

आपदा प्रभावितों की तस्वीर

कुल बेघर परिवार,860

पूर्ण रूप से बन चुके भवन,784

अंतिम किस्त मिलनी शेष,53

भवन का कार्य शुरू नहीं किया,23

-----------------

'जिन बेघर परिवारों ने भवन निर्माण के लिए प्रथम किस्त मिलने के बाद भी काम शुरू नहीं किया, उनसे नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।'

-डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.