स्वीकृत 21 मोटरमार्ग, पर बना एक भी नहीं
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत करीब पंद्रह हजार आबादी को यातायात स
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत करीब पंद्रह हजार आबादी को यातायात सुविधा उपलब्ध कराने को सरकार ने एक साल पूर्व इक्कीस मोटरमार्गो के निर्माण को स्वीकृति दी, पर इनमें से एक पर भी अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। कहीं वन भूमि का तो कहीं समरेखण का रोड़ा अटका है। इसके अलावा कई जगह ग्रामीणों का विवाद भी इसमें बाधक बना है।
सरकार ने केदारनाथ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मनसूना-गडड़ू, त्रियुगीनारायण-तोषी, जामू-रविग्राम, चिलौण्ड- चौमासी- नारायणकोटी, नागजगई-तिनसोली, पाट्यूं-जौला, नारी-खतेणा, चोपता-फलासी, फैगू-बरम्वाड़ी, र्बिसल-बमोली, मोलठी-गदेरा, तोलब-कुमाली, जाबरी-जयकंडी, गुगली-चंद्रापुरी, गणेशनगर-पिल्लू-जहंगी, चंद्रापुरी-भटवाड़ी, बांसबाड़ा-जलई, सनबैड-बजणू, कालीमठ-ब्यूंखी, क्यार्क-बैड-पै¨लग, कांडई-इशाला मोटरमार्ग निर्माण की स्वीकृति दी है। सालभर होने को आया है पर इनमें से किसी एक पर भी अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्रामीणों की यातायात सुविधा का लाभ मिलने की आस भी धूमिल हो रही है। इन मोटरमार्गो में से अधिकांश के निर्माण में वन भूमि का पेच फंस रहा है। पूर्व विधायक शैलारानी रावत का कहना है कि मोटर मार्गो के शीघ्र निर्माण को अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जो दिक्कतें आ रही हैं, उनका शीघ्र हल निकालने को कहा गया है। पूर्व में डीएम की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में बैठक हुई थी जिसमें डीएम ने स्वयं स्वीकृत मोटरमार्गो के निर्माण के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे।
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केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत मोटरमार्गो के निर्माण को में वन विभाग से भूमि हस्तातरण को लेकर कार्रवाई चल रही है। कुछ अन्य मोटरमार्गो में आड़े आ रही समरेखण व आपसी विवाद संबंधित समस्याओं को भी दूर किया जा रहा है।
इन्द्रजीत बोस, अधिशासी अभियंता, लोनिवि