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सुख-दुख का कारण हैं कर्म

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि के चौंड गांव में श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक बृजमोहन सेमवाल ने कहा कि कर्म

By Edited By: Published: Thu, 23 Jun 2016 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2016 07:26 PM (IST)
सुख-दुख का कारण हैं कर्म

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि के चौंड गांव में श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक बृजमोहन सेमवाल ने कहा कि कर्म ही सुख और दुख का कारण है। इस दौरान दूर-दराज से श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे थे।

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कथा के आठवें दिन ब्राह्मणों ने गणेश पूजा, पंच पूजा, रुद्रीपाठ, व्यास पूजा समेत धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किये। कथावाचक बृजमोहन सेमवाल ने कहा कि भगवान की लीला अनन्त है। उसे बंधन में बांध नहीं सकते। कहा कि मोह माया को त्यागकर भगवान की भक्ति करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने भगवान राम के चार ़प्रेमियों के बारे में बताया। पहले भगवान शंकर जो खुले आसमान के नीचे रहकर भस्म एवं सर्पो की माला डालकर राम का ध्यान करते हैं। दूसरे प्रेमी भरत हैं, जो राजगद्दी पर राम की खड़ाऊ रख शासन करते हैं। तीसरे लक्ष्मण जो 14 साल तक वनवास में रहे और चौथे हनुमान जिन्होंने प्रतिक्षण राम की भक्ति की। कथा श्रवण के लिए रूमसी, भौंसाल, डोभा, अगस्त्यमुनि, विजयनगर, जवारनगर, सौडी, तड़ाग, बावई, सौड भटटगांव, बेजी समेत कई गांवों से श्रद्धालु पहुंचे रहे।


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