रैल गांव में बहाल नहीं हुई आवाजाही
संवाद सूत्र, फाटा: आपदा के तीन वर्ष बाद भी रैल गांव में आवाजाही की सुविधा बहाल नहीं हो सकी है। गांव
संवाद सूत्र, फाटा: आपदा के तीन वर्ष बाद भी रैल गांव में आवाजाही की सुविधा बहाल नहीं हो सकी है। गांव में न ही ट्रॉली और न ही झूलापुल निर्माण को लेकर कोई उठाया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को आवाजाही करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। ग्रामीण धीर¨सह, नारायण ¨सह व मदन¨सह ने डीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि केदारनाथ आपदा के दौरान रैल गांव को जाने वाला झूलापुल आपदा की भेंट चढ़ गया था। जिसके बाद क्षेत्रीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली नौनिहालों को झेलनी पड़ती है। वर्तमान में गांव में 30 परिवार निवास करते हैं। आपदा के बाद पर यहां ट्रॉली भी नहीं लग पाई है। जिससे ग्रामीणों की सुगम आवाजाही की समस्या बनी हुई है। इस संबंध में ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन व विभाग को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत भी कराया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिससे ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने क्षेत्र में पुलिया निर्माण की भी मांग की है। राजकीय इंटर कॉलेज फाटा में पढ़ने वाले नौनिहालों व गांव के बीमारों को सबसे अधिक परेशानी का समाना करना पडता है। उक्त स्थान पर पुल के बजाय मोटरचलित ट्रॉली का निर्माण होना था, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते ट्रॉली भी नहीं लग पाई। हालांकि ट्रॉली के स्थान पर झूलापुल निर्माण की मांग की जा रही थी।