संगम पर पर खुली ढोल की पोल
रविन्द्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग सरकार भले ही चार धाम यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए बड़े- बड़े दाव
रविन्द्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग
सरकार भले ही चार धाम यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए बड़े- बड़े दावे कर रही है, लेकिन आपदा के तीन साल बाद भी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा- मंदाकिनी संगम पर यात्रियों को स्नान करना खतरे से खाली नहीं है। यात्रा सीजन शुरू होने के बाद संगम पर न तो यहां रेलिंग लगाई गई है और न ही गोताखोर तैनात किए गए हैं। जबकि सीजन में प्रतिदिन सैकड़ों यात्री संगम पर स्नान करते हैं, लेकिन हालात सरकार के ढोल की पोल खोल रहे हैं।
2013 में आई आपदा के बाद सरकार ने स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई ठोस इंतजाम नहीं किए हैं। संगम स्थल पर घाट का निर्माण तक नहीं हो सका है। पूर्व में यात्रियों के बहने की कई घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। रुद्रप्रयाग बदरीनाथ व केदारनाथ यात्रा का मुख्य द्वार माना जाता है। संगम स्थल के बीचोंबीच चामुंडा मां का भी पौराणिक मंदिर भी स्थित है। यहां पूरे सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। आपदा के बाद से संगम स्थल का पूरा नक्शा ही बदल चुका है। संगम पर प्राचीन नारदशिला थी। वह भी केदारनाथ आपदा की भेंट चढ़ गई थी। वर्तमान में शिला के कुछ अंश ही यहां पर मिलते हैं। जिले में आपदा को आए तीन वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक प्रशासन एवं नगर पालिका ने संगम स्थल पर घाट तक निर्माण नहीं किया है। संगम स्थल पर नदियों के साथ आया शल्ट भी भारी मात्रा में मौजूद है। आपदा के बाद इस बार यात्रा की रफ्तार बढ़ने से देश-विदेश के यात्री बड़ी संख्या में सुबह शाम स्नान के लिए संगम स्थल पर पहुंच रहे हैं, ऐसे में यहां सुरक्षा की दृष्टि से भी कोई ठोस इंतजाम प्रशासन एवं पुलिस की ओर से नहीं किए गए हैं। पिछले पांच वर्षो में डेढ़ दर्जन यात्री यहां पर नहाते समय बह चुके हैं। जबकि कई घटनाओं का पता तक नहीं लग पाता है। लोग असमय ही मौत के मुंह में समा जाते हैं। ऐसे में समय पर न तो आपदा टीम पहुंच पाती है, और नहीं यहां कोई पुलिस कर्मी तैनात होने से उसे मौके पर राहत मिल पाती है। यहीं कारण है कि कई बार मृतकों के शव तक नहीं मिल पाते हैं। इतने संवेदनशील वाले स्थान पर आम आदमी की सुरक्षा के प्रति शासन प्रशासन का सचेत न होना कई सवाल पैदा करता है। इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
संगम स्थल पर घाट निर्माण के लिए पूर्व में ¨सचाई विभाग को भी कहा था। अब घाट के लिए जिला योजना में प्रस्ताव रखा जाएगा। बजट अवमुक्त होने के बाद ही यहां घाट का निर्माण किया जाएगा। राकेश नौटियाल अध्यक्ष, नगर पालिका रुद्रप्रयाग
घाट निर्माण के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। प्रशासन स्तर से निर्देश मिलेंगे तो घाट के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। पीके गौतम जिला पर्यटन अधिकारी, रुद्रप्रयाग