गुप्तकाशी में सफाई व्यवस्था चौपट
संवाद सूत्र, गुप्तकाशी: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते ही विश्वनाथ की नगरी गुप्तकाशी में साफ व्यवस्थ
संवाद सूत्र, गुप्तकाशी: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते ही विश्वनाथ की नगरी गुप्तकाशी में साफ व्यवस्था चरमरानी शुरू हो गई है। सड़क के दोनों ओर कूड़ा-करकट बिखरा हुआ है। इससे व्यापारियों में प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है।
गुप्तकाशी में लगभग एक सप्ताह से सफाई का कार्य बंद है। सड़कों पर जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। कूड़ेदान भी पूरी तरह से भर गए हैं। जिला पंचायत ने केदारनाथ धाम की यात्रा के चलते विभिन्न कस्बों में सफाई कर्मियों की तैनाती की थी। छह माह की सेवा समाप्त होने के बाद उन्होंने सफाई का कार्य करना बंद कर दिया है। सफाई का कार्य न होने से व्यापारियों के साथ ही आम राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आस्था व आध्यात्म का पवित्र केंद्र गुप्तकाशी में सफाई व्यवस्था चरमराने से विश्वनाथ मंदिर पैदल मार्ग व मुख्य बाजार के आस-पास के क्षेत्रों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। जो बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं। पूर्व में कपाट बंद होने के बाद जिला पंचायत की ओर से यहां तीन सफाई कर्मियों की तैनाती जारी रहती थी। जिसका आधा भुगतान जिला पंचायत और आधा व्यापार संघ करता था, लेकिन इस बार जिला पंचायत ने हाथ खडे़ कर दिए हैं। व्यापारियों ने डीएम को भी इस संबंध में पत्र भेजकर अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। व्यापार संघ अध्यक्ष गुप्तकाशी प्रेम सिंह नेगी का कहना है कि पूर्व में यात्रा के बाद भी व्यापार संघ व जिला पंचायत की आपसी सहमति पर सफाई व्यवस्था बनी रहती थी, लेकिन इस बार जिला पंचायत ने सफाई कर्मियों को मानदेय देने से हाथ खींच लिए हैं। जिससे यह समस्या आ खड़ी हुई है। उन्होंने उक्त समस्या को हल करने के लिए प्रशासन से मांग की है।