जिला कार्यक्रम अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह को विजिलेंस ने ग्रा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह को विजिलेंस ने ग्राम प्रधान से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते बुधवार को रंगेहाथ दबोच लिया। अधिकारी ने रिश्वत गांव में आंगनबाड़ी केंद्र के लिए धन की अंतिम किश्त का भुगतान करने के एवज में मांगी थी। उधर, आरोपी अधिकारी के देहरादून स्थित घर पर भी देर शाम विजिलेंस ने छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक आरोपी के घर से नगदी मिली है।
पुलिस अधीक्षक विजिलेंस वीकेएस कार्की ने बताया कि रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ ब्लॉक के ग्राम कसीबा में आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी लागत तकरीबन साढ़े छह लाख रुपये है, जिसमें साढ़े चार लाख रुपये बाल महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा और दो लाख रुपये मनरेगा से स्वीकृत हैं। बाल विकास विभाग चार लाख पांच हजार रुपये का भुगतान पंचायत को कर चुका है। शेष 45 हजार रुपये के लिए ग्राम प्रधान जसमती रावत ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह को प्रार्थना-पत्र दिया था। आरोप है कि उदय प्रताप ने जसमती रावत से यह धनराशि निर्गत करने के लिए 20 हजार रुपये रिश्वत मांगी। इसके बाद तीन अक्टूबर को ग्राम प्रधान जसमती आरोपी अधिकारी से मिलीं और रिश्वत की पहली किश्त के रूप में पांच हजार रुपये बुधवार को देने की बात कही। इसके अगले दिन उन्होंने विजिलेंस से भी शिकायत कर दी। विजिलेंस की टीम रुद्रप्रयाग रवाना कर दी गई और बुधवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी अपने कार्यालय में रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिए गए।
अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की एक टीम ने दून में 42, राजेंद्रनगर सहस्रधारा रोड स्थित उनके मकान पर छापेमारी की। देर शाम तक मकान में छापेमारी जारी थी। इस बाबत पुलिस अधीक्षक विजिलेंस ने कार्रवाई पूरी होने के बाद ही कुछ जानकारी देने की बात कही है।
जसमती ने खोला भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा
आरोपी अधिकारी को सलाखों के पीछे भेजने में महिला ग्राम प्रधान जसमती ने हिम्मत और साहस का परिचय दिया, जो काबिलेतारीफ है। जसमती बताती हैं कि उन्होंने अंतिम किश्त के लिए विभाग के कई चक्कर काटे ताकि निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सके। आरोपी अधिकारी ने रिश्वत मांगी तो मैंने ठान लिया कि भ्रष्टाचार नहीं होने दूंगी और कैसे भी कर अधिकारी को जेल भिवाकर रहूंगी। इसलिए मैंने विजिलेंस को शिकायत की, जिसमें ग्रामीणों ने भी साथ दिया। बता दें कि ग्राम प्रधान जसमती के पति सेना में हैं।