मानसरोवर की तरह दिख रही केदारपुरी: हरीश रावत
संवाद सूत्र, गुप्तकाशी: केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने व्यवस्थाओं
संवाद सूत्र, गुप्तकाशी: केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। तैयारियों से संतुष्ट मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आमंत्रण देते हुए कहा कि रास्तों से बर्फ हटाई जा चुकी है और यात्रियों के ठहरने के इंतजाम भी किए जा चुके हैं। केदारनाथ के नए रूप से अभिभूत होकर उन्होंने कहा कि 'अब केदारपुरी मानसरोवर की तरह नजर आ रही है।' उन्होंने इसके लिए निम का आभार जताया। इसके बाद उन्होंने गुप्तकाशी में उन भवन स्वामियों को मुआवजे के चेक भी दिए, जो केदारनाथ में अपने भवन तोड़े जाने पर सहमति जता चुके हैं। इसके अलावा आपदा प्रभावति 13 मजदूरों को भी मुआवजा दिया गया। सीएम ने यहां करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये से ज्यादा के चेक वितरित किए।
मुख्यमंत्री सुबह ग्यारह बजे हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे। यहां उन्होंने पुनर्निमाण कार्यो का निरीक्षण किया और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कर्मचारियों व श्रमिकों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि लिनचौली से लेकर केदारनाथ तक 5000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। इसके बाद मुख्यमंत्री गुप्ताकाशी पहुंचे। लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने उन लोगों को चेक वितरित जिनके भवन केदारनाथ में हैं और वे भवन तोड़ने पर सहमति जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक केदारनाथ में 24 भवन स्वामी अपनी सहमति दे चुके हैं, जिसमें 13 भवनों को तोड़ने की सहमति शासन को मिल चुकी है। इन 13 भवनों का मालिकाना हक 48 लोगों के पास है। शनिवार को इन सभी को मुआवजे के चेक दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि घोड़ा, खच्चर, डोली और पालकी वाले जो लोग मुआवजे से वंचित रह गए हैं, उनके लिए क्षेत्रीय विधायक शैलारानी रावत की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा कि यदि कुमाऊं मंडल विकास निगम चार धाम के लिए यात्री भेजता है अथवा गढ़वाल मंडल विकास निगम कुमाऊं के लिए ऐसा करता है तो दोनों को सब्सडी दी जाएगी। सीएम ने यात्रा के सफल संचालन के लिए प्रशासन के साथ ही तीर्थपुरोहितों, व्यवसायियों व स्थानीय लोगों से सहयोग मांगा।
अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि आज मुआवजा दिया गया है, उस पर कर नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही उन्हें जमीन और मकान भी बनाकर दिया जाएगा। राकेश शर्मा ने कहा कि मकान के लिए मॉडल बनवाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केदारनाथ मंदिर के मुख्य मार्ग के बीच आने वाले सभी भवन ध्वस्त किए जाएंगे, चाहे यदि भवन स्वामी सहमति दे अथवा नहीं। जिलाधिकारी को इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। इस अवसर पर संसदीय सचिव शैलारानी रावत, जिलाधिकारी डॉ. राघव लंघर, सहायक सेटलमेंट आफिसर एलआर चौहान समेत यात्रा से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सीएम को सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन का निरीक्षण करना था पर नहीं कर सके।
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