नई केदारपुरी को सहमति की कोशिश
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: नई केदारपुरी को लेकर जिला प्रशासन तीर्थ पुरोहितो से सहमति बनाने में जुट ग
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: नई केदारपुरी को लेकर जिला प्रशासन तीर्थ पुरोहितो से सहमति बनाने में जुट गया है। केदारनाथ में सबसे महत्वपूर्ण आपदा से जर्जर हुए भवनों को तोड़कर नए सिरे से केदारनाथ को बसाना है, लेकिन अभी तक निजी भवनों को तोड़ने पर सहमति नहीं बन पाई है। इसी कड़ी में डीएम रुद्रप्रयाग ने तीर्थपुरोहितों से बातचीत का दौर तेज कर दिया है।
विगत वर्ष 2013 में आपदा के बाद नई केदारपुरी को बसाने को लेकर कवायद चल रही है। सरकारी 46 भवनों को तोड़ने की कार्रवाई गतिमान है, जबकि 217 निजी भवन को लेकर अभी तक सहमति नहीं बनी है। प्रशासन बीच का रास्ता निकालना चाहता है। 46 क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों में से अभी तक लगभग 25 भवनों को गिराया जा चुका है। डीएम राघव लंगर ने गत दिनों गुप्तकाशी में कई घंटों तक तीर्थपुरोहितों से बातचीत कर उन्हें टटोलने का प्रयास किया। निजी भवनों को तोड़ने को लेकर सहमति न बनने से अभी तक केदारपुरी का मास्टर प्लान तैयार नहीं हो सका है। धाम में पुनर्निर्माण कार्यो को संपन्न कराने में दिक्कतें सामने आ सकती हैं। शासन-प्रशासन एवं निम ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो का दूसरा चरण आगामी यात्रा सीजन से पूर्व पूरा करने का लक्ष्य रखा है, ऐसे में तीर्थपुरोहितों व प्रशासन के बीच भवनों को तोड़ने को लेकर सहमति बनाई जानी जरूरी है।
यहां फंसा है पेंच
-प्रशासन की मंशा है कि मंदाकिनी नदी से केदारनाथ तक बने 60 फिट चौड़ी सड़क
- तीर्थ पुरोहित चाहते हैं 30 फिट ही सड़क की चौड़ाई
- प्रशासन केदारनाथ में सभी भवनों को गिराकर बसाना चाहता है नई केदारपुरी
- तीर्थ पुरोहितों का कहना है केवल जर्जर भवन ही तोड़े जाएं, अन्य नहीं
धाम में क्षतिग्रस्त भवनों की स्थिति-
चिह्नित सरकारी भवन-46
चिह्नित निजी भवन-217
गिराए गए सरकारी भवन-25
केदारपुरी बसाने को लेकर तीर्थपुरोहितों में भी उत्सुकता है। कुछ बिंदुओं पर सहमति बननी है, उम्मीद है कि प्रशासन तीर्थपुरोहितों की भावनाओं को देखते हुए निर्णय लेगा।
श्रीनिवास पोस्ती
तीर्थपुरोहित केदारनाथ
'केदारनाथ धाम में सरकारी भवनों को गिराने का कार्य प्रगति पर है। निजी भवनों को लेकर तीर्थपुरोहितों से बातचीत जारी है।
डॉ. राघव लंगर
डीएम, रुद्रप्रयाग