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छह माह में ही उखड़ गया डामर

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा के समय पूरी केदारघाटी की लाइफ लाइन बना मयाली-गुप्तकाशी मार्

By Edited By: Published: Wed, 21 Jan 2015 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jan 2015 09:47 PM (IST)

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा के समय पूरी केदारघाटी की लाइफ लाइन बना मयाली-गुप्तकाशी मार्ग पर घटिया निर्माण ने कार्यदायी संस्था की पोल खोल दी है। इस मार्ग पर सरकार ने डामरीकरण और सुधारीकरण पर पांच करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, लेकिन मात्र छह माह में ही सड़क पर बने बडे़-बड़े गड्ढों ने निर्माण की पोल खोल दी है।

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वर्ष 2013 जून में केदारनाथ आपदा के समय गौरीकुंड हाईवे पर तीन माह तक आवाजाही ठप पड़ गई थी। इस पर मयाली-गुप्तकाशी मार्ग से ही पूरे केदारघाटी क्षेत्र में आवश्यक सामग्री और खाद्यान्न की आपूर्ति की गई, जबकि केदारनाथ में फंसे एक लाख से अधिक लोगों को भी इसी मार्ग से निकाला गया था। इस मार्ग की उपयोगिता को समझते हुए सरकार ने डामरीकरण के कार्य को स्वीकृति प्रदान की थी। 54 किलोमीटर लंबे इस मोटर मार्ग पर पिछले साल पांच करोड़ रुपए से अधिक का कार्य हुआ था। इसमें डामरीकरण भी किया गया लेकिन इतने महत्वपूर्ण मोटर मार्ग पर पानी की तरह पैसा बहाए जाने के बावजूद छह माह में ही स्थिति खराब हो गई है। कई स्थानों पर मार्ग खतरनाक बना हुआ है, स्लाइडिंग जोन भी हर समय दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं। कई संगठनों ने इस मार्ग की उच्चस्तरीय जांच करा कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से की है। इसको लेकर मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

प्रधान संगठन जखोली के ब्लाक अध्यक्ष महावीर सिंह पंवार ने आरोप लगाया कि यह मार्ग गौरीकंड हाईवे का वैकल्पिक मार्ग के साथ ही बडमा, सिलगढ़ पटटी की चालीस से अधिक गांवों के लिए आवाजाही का एकमात्र सड़क मार्ग है। मार्ग पर डामरीकरण व सुधारीकरण के लिए धनराशि तो लगाई गई, लेकिन इसका सही तरह से कार्य नहीं हो सका। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जयदीप काला ने भी मार्ग के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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यहां पर बनी है स्लाइडिंग जोन

-पांजणा, तैला के पास, लमगौड़ी के पास

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गुप्तकाशी-मयाली मोटरमार्ग केदारघाटी की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मार्ग है। यदि इसमें कोई घटिया निर्माण की शिकायत मिलती है तो जांच की जाएगी।

उत्तम सिंह चौहान, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ


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