सर्वे पर जाकर अटका गौरीकुंड हाईवे
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छह किमी हाईवे पर वाहनों को दौड़ाने के लिए केन्द्
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छह किमी हाईवे पर वाहनों को दौड़ाने के लिए केन्द्रीय सड़क मंत्रालय विभिन्न विशेषज्ञों से राय ले रहा है। कई टीमें यहां आकर मौके पर निरीक्षण भी कर चुकी है। सीमा सड़क संगठन डेढ़ वर्ष बाद भले ही गौरीकुंड तक छोटे वाहनों की आवाजाही कराने में सफल रहा हो, लेकिन यह फिलहाल अस्थाई व्यवस्था है। बारिश होते ही इस मार्ग के फिर से बह जाने की उम्मीद ज्यादा है।
केदारनाथ त्रासदी में गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक छह किमी मोटर मार्ग पूरी तरह बह गया था और सिर्फ खड़ी चट्टानें ही शेष बची थी। इस पर सड़क बनाना आपदा के डेढ़ वर्ष बाद भी भारी पड़ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में सीमा सड़क संगठन ने हाईवे को गौरीकुंड तक छोटे वाहनों के लिए खोल दिया था, लेकिन यह अस्थाई रूप से ही शुरू हो सका है। आपदा के बाद वहां की भौगोलिक परिस्थतियां इतनी जटिल हो गई हैं कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक मोटर मार्ग निर्माण काफी मुश्किल हो गया है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए निम के मजदूरों ने पैदल मार्ग का निर्माण कर यहीं से इस वर्ष की यात्रा का संचालन शुरू किया था, जिससे केदारनाथ की पैदल दूरी सात किमी और बढ़कर 21 किमी हो गई है। इस बीच केन्द्रीय सड़क मंत्रालय ने अब तक इस मार्ग के निर्माण को लेकर कई जानी मानी कंपनियों से सर्वे कराया है। इनमें केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, मैगा टेक, राजकीय निर्माण निगम व सीमा सड़क संगठन के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। बीआरओ इस हाईवे पर आने वाले मार्च महीने तक ही कार्य शुरू करेगा। इससे केन्द्रीय सड़क मंत्रालय ने मार्ग को नई तकनीकी से बनाने की कवायद में जुटा है।
इन स्थानों पर बहा था हाईवे-
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छह किमी, नोलापानी, रामपुर, तिलवाड़ा के पास, सिल्ली, विजयनगर, गंगानगर, कुंड, सेमी, सोनप्रयाग, सोनप्रयाग से गौरीकुंड बीच छह किमी।
गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक हाईवे को काफी नुकसान हुआ था। आपदा के बाद अब गौरीकुंड तक छोटे वाहन पहुंचाए जा सके हैं। कई केन्द्रीय टीमें व विशेषज्ञ इस मार्ग को लेकर अब तक सर्वे कर चुके हैं।
मनोज कुमार, सहायक कमान अधिकारी, सीमा सड़क संगठन
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक हाईवे निर्माण को लेकर विभिन्न विशेषज्ञ सर्वे कर रहे हैं, लेकिन अभी कौन इसका निर्माण करेगा। इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग