जगी उम्मीद 23 गांव होंगे विस्थापित
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशकों से विस्थापन की आस लगाए ग्रामीणों की मुराद अब पूरी होने वा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशकों से विस्थापन की आस लगाए ग्रामीणों की मुराद अब पूरी होने वाली है। जिला प्रशासन ने जिले के आपदा प्रभावित 23 गांवों के चार सौ से अधिक परिवारों को विस्थापन की सूची में शामिल किया है। इसके लिए जिला प्रशासन ने 15.52 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस सूची में केदारनाथ त्रासदी से पूर्व के आपदा पीड़ित शामिल किए गए हैं।
पिछले तीन दशक के दौरान जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के आपदा प्रभावित ग्रामीण लंबे समय से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन विस्थापन नहीं हो सका। अब जाकर जिला प्रशासन ने इन गांवों के विस्थापन करने के लिए 23 गांवों के 472 परिवारों की अंतिम सूची बनाकर शासन को भेज दी है। इन परिवारों का 2011 विस्थापन नीति के तहत विस्थापन करने के लिए चिह्नित किया गया है। इस सूची में 411 परिवार ऐसे है, जिनके पास अपनी निजी भूमि उपलब्ध है। शेष 61 परिवारों के पास अपनी भूमि उपलब्ध नही होने से उन्हें 250 वर्ग मीटर जमीन सरकार ने उपलब्ध कराई है। बिना भूमि वाले परिवारों के लिए कुल 1.0202 हे. राज्य सरकार की भूमि चयनित की गई है।
पुनर्वासित होने वाले 472 परिवारों को 3.50 लाख रुपये प्रति परिवार के हिसाब से दिया जाएगा। 15.52 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
जनपद के तीनो तहसील रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ व जखोली तहसीलों के आपदा पीड़ित परिवारों को इसमें शामिल किया गया है। इसमें रुद्रप्रयाग व जखोली से तीन-तीन व ऊखीमठ तहसील से 17 गांवों से 472 परिवारों का विस्थापन किया जाएगा। वहीं, पुनर्वासित होने वाले इन गांवों का विस्थापन चरणबद्ध तरीके से होगा। विस्थापन के पश्चात संबंधित परिवारों के लिए पैदल मार्ग, विद्युतीकरण, पेयजल संयोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा। इसके लिए शासन स्तर पर अलग से बजट अवमुक्त किया जाएगा।
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विस्थापित होने वाले गांव
ऊखीमठ तहसील- कालीमठ, कुणजेठी, जाल तल्ला, बलसूंडी, बीरों देवल (खाली तोक), सेमी तल्ली, दैडा, सिल्ला बमणगांव, चमराडा, गिरिया, कविल्ठा, ऊखीमठ, नागजगई (जाख तोक), टेमरिया वल्ला, दिल्मी, टाट लग्गा फेगू, डमार।
जखोली तहसील- पांजणा, जैली, मुसाढुंग(सोनाई तोक)
रुद्रप्रयाग तहसील- मलाऊ, कुंडा दानकोट(ढोकाणी तोक), छातीखाल।
'वर्षो से विस्थापन की मांग कर रहे परिवारों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। जिनका पूर्ण विवरण शासन को उपलब्ध करा दिया गया है।'
डा. राघव लंगर, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग: