मासिक लोक अदालत में 29 वाद हुए निस्तारित
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें 29 वादों का निस्तारण कर 43050 रुपये का अर्थदंड वसूलकर कोषाध्यक्ष में जमा किया गया।
न्यायालय प्रांगण में आयोजित मासिक लोक अदालत जिला जज आशीष नैथानी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चन्द्र आर्य के न्यायालय में मोटरयान अधिनियम लघु फौजदारी के 11 वादों का स्वेच्छा से जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर निस्तारण किया गया। इसमें मु. 6450 रुपये अर्थदंड के रूप में वसूले गए। आबकारी अधिनियम का एक वाद स्वेच्छा से जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर निस्तारण कर 25000 रुपये अर्थदंड के रूप में वसूले गए। इन निस्तारित वादों से कुल 12 व्यक्ति लाभांवित हुए। इसके अलावा कर्मकार प्रतितोष अधिनियम से संबंधित एक वाद में प्रतिकर के रूप में 861120 रुपये पीड़िता को प्रदान किए गए। इस निस्तारित वाद से कुल 1 महिला लाभान्वित हुई।
सिविल जज (सीडि)/न्यायिक मजिस्ट्रेट संगीता आर्य के न्यायालय में विभिन्न प्रकार के लघु फौजदारी के आठ वादों का स्वेच्छा जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर निस्तारण किया गया, जिसमें मु. 9300 रुपये अर्थदंड के रुप में वसूल कर कोषागार में जमा किया गया। इन निस्तारित वादों से कुल आठ व्यक्ति लाभान्वित हुए। न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज द्विवेदी ने न्यायालय में विभिन्न प्रकार के लघु फौजदारी के छह वादों का स्वेच्छा से जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर निस्तारण किया गया, जिसमें मु. 1550 रुपये अर्थदंड के रूप में वसूलकर कोषागार में जमा किया गया।
वाह्य न्यायालय ऊखीमठ के न्यायालय में विभिन्न प्रकार के लघु फौजदारी के दो वादों का स्वेच्छा जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर निस्तारण किया गया। जिसमें मु. 800 रुपए अर्थदंड के रुप में वसूल कर कोषागार में जमा किया गया।