सरकार के पास नहीं राजजात तैयारियों का रोडमैप
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: नंदा राजजात को लेकर सरकार की तैयारियों का खाका अभी तक तैयार नहीं है। राजजात पड़ाव स्थलों पर भीड़ जुटने पर कैसे उसे नियंत्रित कर व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी, इसको लेकर सरकार स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाई है। मौसम खराब होने की स्थिति में दिक्कतें ओर बढ़नी तय हैं। व्यवस्थाओं की बात करें तो अभी पड़ावों पर सीमित संसाधन ही मौजूद हैं।
नंदा राजजात के लिए अब चंद दिन शेष हैं। यूं तो सरकार एक वर्ष से तैयारियों में जुटी थी, लेकिन धरातल पर तैयारी नाममात्र ही है। यहां तक कि तैयारियों का लेखा-जोखा भी सरकार के पास नहीं है। पड़ाव स्थलों पर क्या समस्याएं गंभीर हो सकती हैं व इनसे कैसे निपटा जाएगा। इस दिशा में कोई तैयारी नहीं है। हालांकि चारधाम यात्रा तैयारियां भी सरकार करती है, लेकिन चारधाम तैयारियों व राजजात तैयारियों में भारी अंतर है। चारधाम में जहां यात्रियों के लिए स्थाई व्यवस्थाएं जुटाई जाती हैं। सरकार इसमें काफी हद तक सफल भी रहती है। वहीं, नंदादेवी राजजात में अधिकांश व्यवस्थाएं अस्थाई हैं, जिसका अनुभव सरकार को नहीं है। यात्रा में 50 हजार से एक लाख तक भीड़ जुटने की उम्मीद है। इतनी भीड़ के लिए कैसे व्यवस्थाएं जुट सकेंगी इसका जबाव शायद ही सरकार के पास हो। अभी तक गदेरों पर अस्थाई पुल या अन्य व्यवस्थाएं नहीं हैं। कई किमी रास्ता तो बनाया ही नहीं गया। पड़ाव स्थलों पर रहने को टेंट नहीं पहुंचे।
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मुख्य समस्याएं
-रहना, खाना, मेडिकल, उफनते गदेरों को पार करना, पार्किंग
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यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं कर ली जाएंगी। सरकार सभी पड़ावों पर यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधा जुटा रही है।
अनुसूया प्रसाद मैखुरी
विधायक कर्णप्रयाग